मकरराशि में सूर्यदेव करते प्रवेश
बढ़ती अवधि इस दिन से दिन के ।
जाड़े का प्रभाव दिन दिन घटता
बढती जाती सूरज की है ऊर्जा।
शिथिल शरीर पाता स्फूर्ति नव
कस जाते मशीन में कल पुर्जा।
काँप रहा ये जाड़ा अब खुद ही
बीते समय इसका गिन गिन के।
लोग मनाते पर्व बड़े ही विधि से
लड्डू तिल के खाते सब मन से।
नदियों में करते स्नान सब पावन
देते हैं वह दान अन्न औ धन से।
सूर्यदेव का पर्व बड़ा मनभावन
हर्षित मिले गले मिलते जिन से।
मनता मकर संक्रान्ति उत्सव ये
भारत और नेपाल में ही है सारे।
उत्साह पर्व औ नवजीवन पूरित
लोहणी,पोंगल,बिहू नाम ये धारे।
मकरराशि में सूर्यदेव करते प्रवेश
बढ़ती अवधि इस दिन से दिन के।
डाॅ सरला सिंह “स्निग्धा”
दिल्ली