जनसंख्या विस्फोट को कंट्रोल करते क्यों नहीं हैं,
मिल सारे नेता ऐसा कोई कानून गढ़ते क्यों नहीं हैं।
प्रकृति भी देगी किसी दिन धोखा डरते क्यों नहीं हैं,
हम दो हमारे दो का नारा ये सच करते क्यों नहीं हैं।
कहीं अकाल सदियों से तो कहीं बरस रहा पानी।
आया बुढ़ापा पता ना चला कब बीत गई जवानी।
मरते किसान जहां उसी देश में रहती इटली रानी,
कृषि प्रधान देश में किसानों की मर गई किसानी।
युवा बेरोजगार हैं क्योंकि कांग्रेस सरकार नहीं हैं।
मोदी जी जुमलेबाज़ हैं ये पप्पू के अवतार नहीं हैं।
शौचालय, आवास बने हमको ये साकार नहीं हैं।
हमें सिर्फ कुर्सी चाहिए दूसरे बैठें स्वीकार नहीं हैं।
बढ़े जो अंधों की संख्या हमें कोई तकरार नहीं हैं।
सबके घरों में गैस चूल्हें उन्हें ये अधिकार नहीं हैं।
जागो मेरे देशवासियों बचा कोई अस्तित्व नहीं हैं।
हमें ही भगाना होगा ये भागने को तैयार नहीं है।