-डॉ.अरुणा कपूर
रिश्तेदारी में ही एक शादी समारोह में शरीक होना पड़ा….पता चला कि दूल्हा 50 साल का है और दुल्हन 22 साल की है।…शादी भी आपसी रजामंदी से ही हो रही है।…वाह!
…..हमारे भारतीय समाज में जब विवाह को ले कर चर्चा-विचारणाएं चलती है, तब बहुत से सामाजिकएवं पारंपारिक नियमों का पालन करने संबधित मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाता है।जात-पात,सामाजिक हैसियत,आर्थिक परिस्थिति,सामाजिकरुतबा, वर-वधू की शिक्षा इत्यादि घटकों को ले कर,वर-वधू पक्षों का एक समान होना आवश्यक समझा जाता है। मुद्दा यह है कि ‘विवाह सूत्र में बंधने जा रहे वर-वधू की उम्र में अंतर कितना होना चाहिए!’किसी निर्णय पर आना,व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, अवसर, सुविधाएं इत्यादि पर निर्भर करताहै। शादी के बंधन में बंधने से पहले यह जरूरी हो जाता है कि वर-वधू के जीवन में पर्याप्त स्थिरता आ चुकी हो।यह स्थिरता आर्थिक दृष्टया, मानसिक दृष्टया और शारीरिक दृष्टया लड़का और लड़की..दोनों के लिए अति आवश्यक घटक विवाह संपन्न कराने के लिए हंमेशा यह देखा जाता है वर और वधू की उम्र में 2 से ले कर 5 साल तक का अंतर श्रेष्ठ माना गया है!..यह अंतर परिवारों की सहूलियतें और विभिन्न परिस्थितियों के चलतें कम या ज्यादा भी हो सकता है .
..यह तो समाज के हित को ध्यान में रख कर तय किया हुआ मान-दंड है!…जो सर्वथा योग्य और खास तौर पर स्त्रियों के हित को ध्यान में रख कर बनाया गया है! कई दशकों पहले ऐसा कोई कानून नहींथा।छोटे छोटे बच्चों को गोदी में उठाएं अपने अपने धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शादियां रचाई जाती थी। …बच्चों के बड़े हो जाने पर ऐसी शादियां निभने में कई तरह की अडचनों का आना स्वाभाविक था। ऊपर से पुरुष प्रधान समाज के चलन की वजह से इन शादियों से उत्पन्न होने वाली परेशानियां और कष्टों को झेलना स्त्रियों के ही हिस्से में आता था!
उम्र का बहुत बड़ा फासला…दुःख-दायी!
कुछलोग सोचतें है कि लड़की चाहे क्यों न हो 18-19 साल की…लेकिन लड़का अच्छी तरह से नौकरी या व्यवसाय में स्थापित तो होना ही चाहिए। उसके पास सुख-सुविधा के सभी साधन उपलब्ध होने ही चाहिए। लड़की को आर्थिक तौर पर किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े इसके लिएकुछ लोग लड़के की उम्र को नजर अंदाज कर देते है। नौकरी या व्यवसाय में अच्छी कमाई करने वाला लड़का, लड़की से 15-20 साल बड़ा होने पर भी ऐसे लोगों को कोई आपत्ति नहीं होती। ऐसे कई उदाहरण मिल जाते है कि 18 साल की लड़की की 40 साल के लड़के साथ शादी करा दी जाती है।ये लोग एक मात्र धन को ही जीवन का सुख मान कर चल रहे होते है। मानसिक या शारीरिक तौर पर लड़का या लड़की के बेमेल होने से उत्पन्न होने वाली परेशानियों को ये लोग समझतें नहीं है। ऐसे में लड़की की बचकानी हरकतें और लड़के का अति गंभीर बने रहना मन मुटाव पैदा करता है। आगे चल कर यही डिवोर्स का कारण भी बन सकता है। वैसे ही शारीरिक तौर पर भी उम्रका इतना बड़ा अंतर पति और पत्नी के लिए कष्टप्रद बन जाता है। पति-पत्नी के बीच के शारीरिक संबंधों में आनंद का आदान-प्रदान होने में भी उम्र का बड़ा अंतर रुकावट पैदा करता है और इस वजह से भी शादियां टूटती देखी गई है। पुरुष की बड़ी उम्र, स्त्री के लिए दुःख का कारण बनने की एक और भी वजह है,जैसे कि मनुष्य जीवन के लिए कुदरत ने एक उम्र की निश्चित अवधि तय की हुई है। इसे ले कर बड़ी उम्र का पुरुष, छोटी उम्र की स्त्री से कई साल पहले इस दुनिया से विदा ले लेता है,फिर स्त्री को वैधव्य और अकेले जीवन गुजारने जैसे संकट से झूझना पड़ता है..जो इच्छ्नीय नहीं है।
..ऐसी उम्र में बहुत बड़े अंतर के अंतर्गत रचाई हुई शादियां, सभी जगह अरेंज मैरेज नहीं हुआ करती..लडकियां और लड़के अपनी पसंद से भी ऐसी बेमेल शादियां करतें है। इसके लिए कई बार मन में एक दूजे के प्रति उत्पन्न होने वाले आदर भाव को प्रेम समझ लेना या एक दूसरे के प्रति किसी वजह से उत्पन्न होने वाले सहानुभूति के भाव को प्रेम समझ लेना भी प्रमुख कारण बन जाता है।सिर्फ लड़के ही नहीं, कई शादियां ऐसी भी देखी गई है जहां लड़कियों की उम्र लड़कों से 10-12 साल या इससे भी बड़ी होती है। ऐसी शादियों में ज्यादातर लड़कियां नौकरी में ऊंचे ओहदे पर होती है या निजी व्यवसाय में अच्छी कमाई कर रही होती है। ऐसे में यह भी देखा गया है कि कम उम्र के लड़केंअपनी तरक्की के बारे में सोच कर,ऐसी लड़कियों का सीढ़ी की तरह इस्तेमालकरने की योजना बना कर शादी के लिए प्रपोज करतें है..इसे प्रेम समझकर लडकियां शादी के लिए हामी भर देती है…लेकिन शादी हो जाने के पश्चाद वही उम्र के अंतर से पैदा होने वाली समस्याएं सामने आ जाती है…परिणाम तया पहले अनबन, मनमुटाव और फिर डिवोर्स के पक्ष में पति-पत्नी मन बना लेते है।
हां!..देखा गया है बहुत सी जानी-मानी हस्तियाँ उम्र के अंतर को अनदेखा कर जाती है। कई फ़िल्मी दिग्गजजैसे कि सुनील दत्त और नर्गिस..दिलीप कुमार और सायरा बानो…क्रिकेट जगत के जाने माने खिलाड़ीसचिन तेंडुलकर और पत्नी अंजलि!इस प्रकार कीशादियां रचा चुके है, जहां उम्र का अंतर ज्यादा है। ..इनकीशादियां सफल भी मानी जा रही है,लेकिन ऐसी शादियों को अपवाद की कैटेगरी में ही रखना श्रेयस्कर है। सामान्य स्त्री-पुरुषों के लिए…जिन्हें जीवन की सुख सुविधाएं जुटाने के लिए,शिक्षा प्राप्त करने के लिए और परिवार की जिम्मेदारी सफलता पूर्वक वहन करने के कडा संघर्ष करना पड़ता है,उन्हें जीवन साथी का भरपूर सहयोग अपेक्षित होता है। ..ऐसे में शादी का फैसला लेते समय अन्य घटकों के साथ साथ उम्रके अंतर को भी ध्यान में रखा जाना जरूरी हो जाता है। ..उम्र का अंतर साधारण तया 2 से 5 साल तक का होने से पति-पत्नी हर तरह से एक दूजे को पूरा सहयोग दे सकतें है और सफल विवाहित जीवन का आनंद उठा सकतें है।