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डॉ० कुँवर बेचैन को राष्ट्रीय एम०के० साहित्य अकादमी शिरोमणि अवार्ड 2019 से नवाज़ा गया

एम०के० साहित्य अकादमी पंचकुला (रजि०) एवं माइंड वेदा इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में हरियाणा उर्दू अकादमी पंचकुला के सहयोग से डॉ मनोज कुमार गुप्ता की स्मृति में 15वें वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 2019 के अंतर्गत कवि सम्मेलन एवं मुशायरा तथा अवार्ड व सम्मान समारोह का आयोजन दिनांक 14 दिसंबर 2019 ( दिन शनिवार ) को दोपहर 2.30 से लगभग 7 बजे हरिराणा अकादमी भवन सेक्टर 14, पंचकूला के सभागार में मुख्य अतिथि श्री रमेश कृष्ण, (आई०ए०एस० ) सी०ई०ओ० हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, पंचकुला विशेष अतिथि डॉ० नसीब सिंह मन्हास निदेशक, चंडीगढ़ दूरदर्शन डॉ० चंद्र त्रिखा (निदेशक , हरियाणा उर्दू अकादमी पंचकुला ) श्री वीरेन्द्र सिंह चौहान ( निर्देशक , हरियाणा ग्रंथ अकादमी पंचकुला), डॉ० रणबीर सिंह, ज्वाइनट डायरेक्टर ,बागबानी विभाग, हरियाणा, श्रीमती सुनीता नैन डी०पी०सी० (समग्र शिक्षा) शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकुला के सानिध्य में भव्य कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन भी किया गया ।
विभिन्न प्रान्तों से पधारे हास्य, ओज, श्रृंगार ,प्रेम इत्यादि सभी रसों से ओत-प्रोत, आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रख्यात कलमकार श्री कुँवर बेचैन (गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश ) श्री कैलाश सोनी सार्थक (उज्जैन, मध्यप्रदेश ) डॉ० रंजन विशद (बरेली, उत्तर प्रदेश) सुश्री तूलिका सेठ (गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश तथा सुश्री पूनम माटिया (दिल्ली ) ने अपने हुनर से समारोह में चार चांद लगा दिए।
श्रीमती सीमा गुप्ता ने दीप प्रज्वलित करवा कर माँ शारदे की वंदना से समारोह का शुभारंभ किया।
डॉ० प्रतिभा माही 2005 से प्रतिवर्ष अपने पति डॉ मनोज कुमार गुप्ता की स्मृति में यह समारोह करवाती आ रही हैं और अब तक लगभग 250 विभूतियों को अवार्ड व सम्मान प्रदान कर चुकी है और आगे भविष्य में भी करती रहेंगी। देखिए डॉ प्रतिभा माही ने अपनी 4 पंक्तियों में क्या कहा है देखिए—
“आज हूं तन्हा मगर कल कारवां हो जाऊंगी
बेजुवां बन्दों की इक दिन मैं जुवां हो जाऊंगी
छीन मत लेना कभी तू यह कलम इस हाथ से
सांस भी रुक जाएगी और मैं फना हो जाऊंगी “

श्री कंवल बिंदुसार (जो कि माइंड वेदा इंडिया के फाउंडर हैं) ने माइंड वेदा व जल की शक्ति की विशेषताओं व खूबियों के बारे में वर्णन किया तथा जल की मेमोरी के बारे में बताया और नारी शक्ति को बल प्रदान करते हुए क्या कहा देखें—
हर नारी को सम्मान मिले,
सुरक्षित घर संसार मिले,
सपनों की बहार मिले,
और खुशी अपार मिले |

       श्री कुँवर बेचैन अंतरराष्ट्रीय कवि ब शायर हैं उनकी शायरी ने वहां उपस्थित सभी श्रोताओं को भाव विभोर कर आनन्द से झूमने को मजबूर कर दिया उनकी शायरी की एक झलक देखिए ----

छू के होंठों को मिरे मुझ से बहुत दूर गई
वो ग़ज़ल मैं ने बड़े शौक़ से गाया था जिसे
और दूसरी तरफ डॉ. रंजन विशद जी ने अपने ग़ज़ल व गीतों से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया । बानगी देखिए—
मन में बसा लूँ ऐसा मेहमान ढूंढता हूँ कुछ हटके मन्दिरों से भगवान ढूंढता हूँ इन्सानियत की बस्ती से उठ रह धुंआ है
मैं उस धुएँ में अपनी पहचान ढूंढता हूँ।

        श्री कैलाश सोनी  सार्थक  हास्य व्यंग के कवि हैं पैरोडी गीतकार भी हैं जिन्होंने अपने हंसी के रसगुल्ले भवन के तीरों से श्रोताओं  में एक नई उमंग भर दी । देखिए वह अपनी 4 पंक्तियों में क्या कहते हैं---

“झूठी बातों से मन अपना बहलाया है
जीवन अपना ऐसे सदा चलाया है
महबूबा भी जाने शब्दों की महिमा
चांद सितारे कौन जमीन पर लाया है”

   श्रीमती तूलिका सेठ ने शेर शायरी से सभी को एक नई दिशा देकर अपनी मधुर आवाज़ से भाव विभोर कर दिया। देखिए वह क्या कहती हैं----

दिए बनकर जो तूफानों में जलना सीख जाते हैं
वो हर हालत में मुश्किल से निकलना सीख जाते हैं
जहाँ बचपन में छिन जाता है साया माँ के आँचल
वो बच्चे धूप की गर्मी में पलना सीख जाते हैं
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और पूनम माटिया भी कुछ कम नहीं रही उन्होंने भी अपनी मधुर आवाज से लोगों की दिलों में अपनी जगह बनाई और समारोह में चार चांद लगा दिए ,आइए उनका शेर देखिए—
“फिर से ख़ुद को आज़माएँ किसलिए
फिर से दिल पे ज़ख़्म खाएँ किसलिए
हमने सच कहने को थामा है क़लम
अपने फ़न को बेच खाएँ किसलिए”

      इस समारोह में आमंत्रित अभी प्रबुद्ध अतिथि गणों को तथा राष्ट्रीय व  अंतर्राष्ट्रीय कलमकारों को अवार्ड व सम्मान से नवाज़ा। 
      राष्ट्रीय एम०के० साहित्य अकादमी शिरोमणि अवार्ड 2019 से श्री कुँवर बेचैन / राष्ट्रीय एम०के० साहित्य अकादमी रत्न अवार्ड 2019 से डॉ. रंजन विशद और श्री कैलाश सार्थक धोनी को / राष्ट्रीय एम०के० साहित्य अकादमी गौरव अवार्ड 2019 से  श्रीमती तूलिका सेठ एवं पूनम माटिया को नवाजा गया 
      समारोह की अध्यक्षता श्री कुँवर बेचैन द्वारा की गयी। समारोह सम्पूर्ण दृष्टि से सफल रहा । इसका पूरा श्रेय डॉ प्रतिभा माही ,श्री कंवल बिंदुसार व उनकी पूरी टीम को जाता है
निवेदिक

डॉ० प्रतिभा माही (फाउंडर /अध्यक्षा ) एम०के० साहित्य अकादमी पंचकुला
कंवल बिन्दुसार ( फाउंडर ) माइंड वेदा इंडिया
हरियाणा उर्दू अकादमी पंचकुला के सहयोग से

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