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जय भोले शंकर

भोले शंकर अबके सावन में अपने पास बुलाना। दिल में जगह न दो तो अपने पैरो में जगह बनाना।। शीश तुम्हारे चरणो में रख मेरा जीवन कट जाए। सर पर हाथ रहे तुम्हारा तो हर संकट कट जाए।। जब जब शंकर नाम तुम्हारा मेरे मुख पर आए। मन से लेकर अंतर्मन तक सब पवित्र हो…

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मासूमियत से मशरूफियत

इस दुनिया में मासूमियत से जब हम- मशरूफियत की और बढ़ते हैं लगता है हर रिश्ते के मायने बदल जाते हैं पहले ज़रा सी चोट लगने पर भी रोते थे अब दिल पे ज़ख्म खा कर भी मुस्कुराते हैं यारो संग उठना बैठना और खाना पीना , जश्न में हंसना नाचना और गाना बजाना अब…

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खुशी हो या गम नशा का सेवन क्यों

पर्व-त्योहारों या गम को दूर करने के लिए अथवा विभिन्न सामाजिक पार्टीयों में विशेषकर फब पार्टीयों में नशीली पदार्थो जैसे शराब सिगरेट आदि का प्रचलन बढ़ रहा है और इसे बुराई के तौर पर देखने की प्रवृत्ति प्रायः कमजोर हुई है।नतीजा, युवा वर्ग इस ओर ज्यादा आकर्षित हुए हैं जो एक सभ्य समाज के निर्माण…

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अनुराधा प्रकाशन की एक साथ 15 पुस्तकों का भव्य लोकार्पण संपन्न

21 जुलाई 2019, प्रातः 11 बजे से शाम 3 बजे तक अनुराधा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 13, 14 नहीं 15 पुस्तकों का भव्य लोकार्पण देश के जाने माने साहित्यकारों, चिंतको एवं समाजसेवियों की उपस्तिथि में किया गया, इंद्र देव ने वर्षा बात में शुरू की जब कार्यक्रम समापन होने को था , लेकिन उससे पहले प्रभु…

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A Day to remember ..

Roopam Life – No one could ever decode the mystery of life .. Every day brings along with it a different colour , a different phase, a new desire and a beautiful hope . Same happened with me , it was as serene as the snow on the surface of the mountains , it was…

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अतिवादिता समाधान नहीं

अतिवादिता समाधान नहीं —————————————- दो गहरे और शीर्ष महत्व के आकर्षणों में फँसा है हमारा भारत। भारत काअर्थ निश्चय ही भारतीय समाज की मनोदशाओं सेहै।परिणामतःमात्र मानसिक द्वन्द्व  तथाउलझन ही नहीं,भौतिक स्तर पर भी संघर्ष झेलने ही पड़ते हैं।आग बढ़ने के लिए हमने एक निश्चित दिशा नहीं तलाशी है।जैसे जैसै हम आसमान की ऊँचाइयों,धरती की गहराइयों…

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माँ

सोनाली सिंघल समुंदर की गहराई माँ के आँचल की लंबाई कभी नापने की कोशिश मत करना जीवन बीत जाएगा पर तू नही जीत पाएगा… कल नहीं बिना कुछ किए ये ज़िंदगी मिल सकती है उसका फल नहीं अपने आज को आज ही जी सकते हो कल नहीं, खुवाइशो को कम करो चुनिंदा के लिए होसले…

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उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात स्त्रियों को नौकरी करना चाहिए या नहीं?

लेखक – नवीन कुमार जैन (बड़ामलहरा) उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद लड़कियों का नौकरी करना जरूरी है और लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त कर नौकरी करनी चाहिए क्योंकि इससे वे स्वावलंबी बनेंगी, आत्मनिर्भर बनेंगी और उन्हें उनके कार्यक्षेत्र पर उन्हें अपने कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर भी प्राप्त होगा, उन्हें वहाँ अपने विचारों…

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डॉक्टर प्रीतम कहिन

वर्ग उनके प्रवचन सुनकर भक्त ने पूछा आप इससे पूर्व ज्यामितिके अध्यापक थे क्या? क्यों की  आप वर्ग की बातें करते थे और अब अपवर्ग की     त्रिभूज रसिक की पत्नी को प्रेम के त्रिकोण का पता चला तो इस त्रिभुूज को भलि-भलि-भांति बांच के अपने अनुकूल कर लिया, भुजाएं खीच खांच के       सलूक…

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जिसमें शामिल ज़मीं की धूल नहीं वो बुलंदी हमें क़ुबूल नहीं

जिसमें शामिल ज़मीं की धूल नहीं वो बुलंदी हमें क़ुबूल नहीं तीरगी बादलों की साजिश है चाँद की इसमें कोई भूल नहीं मुझपे तारी जमूद बरसों से एक मिसरे  का भी नुज़ूल नहीं तू मुझे जब भी चाहे  ठुकरा दे   देख इतनी भी मैं फ़िज़ूल नहीं ग़म समेटे है सारी दुनिया का दिल हमारा मगर…

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