गण और तंत्र की बढ़ती दूरी
कुशलेन्द्र श्रीवास्तव सर्वजन हिताय, सर्वजन रक्षाय और सर्वजन सुखाय की भावना से निहित एक सार्वभौमिक संविधान की छाया के तले बहुभाषी, बहुजातीय, बहुधर्मावलंबियों का समूह स्वच्छन्दता और निर्भीकता के साथ जीवनयापन कर रहा हो वह गणतंत्र अपनी माधुर्य मुस्कान के साथ अपना 73 वां दिवस मनाने जा रहा है । स्तुत्य तो होगा ही ।…