Latest Updates

दर्द घुटनों में पाया गया

अरुण शर्मा साहिबाबादी। ग़ज़ल…….. दर्द घुटनों में पाया गया,फिर भी रिक्शा चलाया गया। मैं फ़क़त रिक्शे वाला रहा,नाम से कब बुलाया गया। मेरा रिक्शा पलटते बचा,जब ये पुल पर चढ़ाया गया। काम रिक्शे का‌ मेहनत का था,फिर भी छोटा बताया गया। आज रिक्शा फंसा जाम में,आज कुछ ना कमाया गया। एक गमछा था मुझ पर…

Read More

उठो द्रोपती वस्त्र सभालो

उठो द्रोपती वस्त्र सभालो, अब कृष्ण नहीं आएगा.घर घर में दुशाशन बैठा, वस्त्र कँहा से लाएगा..दर्योधन के मित्र कर्ण, तुम्हे थनों में मिल जायेंगे.अपनी बीती कंहोगी ज़ब तुम, तुम पर दाग लगाएंगे..कोई न होगा तेरा अबला, कोई न धीर बधाएँगा.उठो द्रोपती वस्त्र सभालो, अब कृष्ण नहीं आएगा —-(1)मानो कैंस दर्ज होजाये, क़ानून की फाइल मे.दस…

Read More

डॉ. अम्बेडकर भारत के भव्यभाल पर एक सुरम्य तिलकहैं

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर महान समाज सुधारक और विद्वान थे।उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन जातिवाद को खत्म करने और गरीब, दलितों, पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अर्पित किया।श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य…

Read More

वरिष्ठ गीतकार एडवोकेट अनिल भारद्वाज सम्मानित

ग्वालियर हनुमान जन्मोत्सव के पावन उपलक्ष में उम्मीदों का आसमान ज्ञान सागर संस्थान ग्वालियर म.प्र.NGO द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित हनुमान जन्मोत्सव प्रतियोगिता में ग्वालियर के वरिष्ठ गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट को उनकी उत्कृष्ट कृति मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है की बेहतरीन प्रस्तुति के लिए सम्मानित करते हुए प्रथम स्थान प्रदान किया गया। इस…

Read More

रुबरू की प्रस्तुति
एक आवाज़ मोहब्बत की-लालेश्वरी
(संगीतमय नाटक)

लेखन और निर्देशन – काजल सूरीसाहित्य कला परिषदद्वारा आयोजितभारतेंदु नाट्य उत्सव 2023 में 24 मार्च 2023 को 14वीं सदी में हुई कश्मीर की आदि कवियत्री ललेश्वरी पर केंद्रित संगीतमय नाटक “एक आवाज़ मोहब्बत की “ललेश्वरी ” का मंचन रूबरू द्वारा एलटीजी सभागार मंडी हाउस में किया गया ! इस नाटक का चयन वर्ष 2022 के…

Read More

नौ दिन कन्या पूजकर, सब जाते है भूल

नौ दिन कन्या पूजकर, सब जाते है भूल देवी के नवरात्र तब, लगते सभी फिजूल क्या हमारा समाज देवी की लिंग-संवेदनशील समझ के लिए तैयार है? नवरात्रों में भारत में कन्याओं को देवी तुल्य मानकर पूजा जाता है।  पर कुछ लोग नवरात्रि के बाद यह सब भूल जाते हैं। बहुत जगह कन्याओं का शोषण होता…

Read More

बिनु हरि कृपा मिलही नही संता..!

भज गोविंदं भज गोविंदं गोविंदं भज मूढ़मते ! सिद्ध वाक्य है, ये और अगर आपके जीवन में सर्व सुख है , संपदा हैं  धन है , हर प्रकार के भोग विलास की  सुख सुविधाओ का  साधन है , लेकिन अध्यात्म और आत्म चिंतन  नहीं है , तो आप निरीह , व्याकुल और दरिद्र हैं ।…

Read More

हमारी पुरातन संस्कृति का सार है हिंदू नववर्ष

हिन्दू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2080 का 22 मार्च बुधवार से शुरू हो रहा है, हिन्दू पंचाग के अनुसार चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नववर्ष की शुरूआत होती है, इस तिथि को नवसंवत्सर भी कहा जाता है।महाराष्ट्र और कोंकण में इसे गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता हैं जिसे बहुत…

Read More

बड़ी अम्मा

बात  आज  की  नहीं  बरसों  पुरानी  है।तब  मैं  शायद सातवीं  या  आठवीं  कक्षा  में  रही  हूँगी। सर्दियों  के  दिन  थे। अच्छी -खासी  ठण्ड  पड़  रही  थी। हम  भाई –बहन  दिन  भर  स्कूल ,खेल –कूद  ,गृह -कार्य,तू-तू  मैं -मैं और तरह -तरह की खुरपातों  में  लगे  रहते  और  रात  को  खाना  खाने  के  बाद अपनी -2…

Read More

आज अंगूठी ढूंढ रही है

जीवन के आमंत्रित सुख अब,निर्मोही दुष्यंत बन गए। मेरे गीतों में शकुंतला आज अंगूठी ढूंढ रही है । मृगछोंनों सी मृदुल फ़ुहारें, झुलसा देतीं हैं हथेलियां, सांसों की बुझती बाती की, तम ने छीनी हैं सहेलियां। मन के काण्वाश्रम में स्मृति क्षण,विरह होम के मंत्र बन गए, तन की समिधा में शकुंतला आज अंगूठी ढूंढ…

Read More