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आर.एस.पब्लिक स्कूल ने धूमधाम से मनाया दशहरा महोत्सव

आर.एस.पब्लिक स्कूलrun by :लक्ष्मी ट्रेनिंग एजुकेशन सोसाइटीनवरात्रों में हर देवी का स्वरूप बनाकर सभी माताओं की कथा सुनाकर प्रतिदिन अतिथियो ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया और उनको शिक्षा के बल पर ही आगे बढ़ने की सलाह दी गई ये ही बच्चे आगे चलकर देश के निर्माण में अपनी भूमिका अदा करेंगे ।हरीनगर थानाध्यक्ष श्रीमान…

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कितना बदल गया इंसान’ (सम्पादकीय)

संपादक मनमोहन शर्मा ‘शरण’ अक्टूबर माह का प्रारंभ भारत की दो महान विभूतियों की जयंती से हो रहा है। 2 अक्टूबर एक और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती दूसरी ओर सादा जीवन उच्च विचार की सर्वोत्तम मिसाल भूतपूर्व प्रधानमंत्री लालबहादूर शास्त्री जी की भी। तिथि दो महानविभूतियाँ भी दो, जिन्होंने ना सिर्फ भारत अपितु…

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इंसानी रिश्ते

बड़ी मालकिन घर के  नौकर चाकरों  से बड़ा कठोर व्यवहार करती। उनको तुच्छ और हीन समझती। उनकी नजर में पैसा होना ही सबसे ज्यादा जरूरी था। पूजा पाठ के नाम पर दिखावा भी बहुत करती अम्मा। घर के नौकर बुरा नहीं मानते थे उनकी बातों का। कभी-कभी तो छूत-अछूत भी कर दिया करती थी। बरसात…

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व्यंग्य : हथकंडो के हाथ पकड़े रखिए .!

       पंकज सीबी मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक / पत्रकार जौनपुर यूपी रूस ज़ब सीरिया के मुंह में सरिया घुसाए देश भर को शांति का पाठ पढ़ा रहा था वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश आ बैल मुझे मार की तर्ज पर खुद का ही उड़ता तीर अपने ऊपर लें लिया है। श्रीलंका की ज़ब लंका लगी थी तब…

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नवरात्रि

नवरात्रि वर्ष में दो बार आती हैं।बसंतिक नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। हमारा हिंदू कैलेंडर व नव वर्ष की शुरुआत नवरात्रि से होती है। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्रि प्रारंभ होती हैं जो हिंदू नव वर्ष का पहला दिन भी होता है। इस दिन सनातन धर्म के लोग नव वर्ष बड़े ही उत्साह…

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सावधान सावधान वोटर मौन है ! -कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

चुनाव चल रहे हैं भले ही केवल दो राज्यों के चनाव हों पर माहौल वैसा ही है, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप वाला । वैसे ऐसी अंत्याक्षरी न हो तो मजा भी नहीं आता, हमें भी आदत सी बन गई है । चुनाव घोषित होने के पहले ‘‘तू चल मैं आया’’ वाले आवागमन को देखने की…

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विकार

समाज सहता प्रहार इतने  बहुत जगह वे गड़े मिलेंगे ।  कहीं खुले तो छिपे कहीं पर  दुखी हृदय भी पड़े मिलेंगे ।।  सदा रहा आन बान जग में  सभी तरफ घोष थी जय जय।  पड़ा उसी पर कभी अँधेरा  किताब में वह जड़े मिलेंगे।।  कभी अँधेरा कभी उजाला  चले सतत यह समय निरन्तर।  समय सदा…

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साबरमती के संत

अब तो रह-रह के राजघाट कसमसाने लगा,मुझको साबरमती के संत तू याद आने लगा। गूंथ कर हार भ्रष्टाचार के गुलाबों का,तेरी तस्वीरों पै बेखौफ डाला जाने लगा। तेरे चित्रों से छपे कागजों के टुकड़ों पर,बड़े बड़ों का भी ईमान बेचा जाने लगा। पहले कातिल बने फिर धनी फिर मसीहा बने,ऐसे जन सेवकों का राजतिलक होने…

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