जैसे शिव जी पार्वती के बिना अधूरे
विष्णु जी लक्ष्मी के बिना अधूरे
ठीक वैसे ही हर पति बिना पत्नी के अधूरे
“लड़की “इज्जत माता पिता के घर की
“लड़की “ सिर का ताज ससुराल की
नारी “ आन बान शान परिवार की
शादी के बाद कुछ यूँ कहती अपने पति से “ माँग मेरी सिंदूर आप के नाम का “
माथा मेरा बिंदिया आप के नाम की
गला मेरा मंगलसूत्र आप के नाम का
कलाई मेरी चूड़ियाँ आप के नाम
उँगली मेरी अंगूठी आप के नाम की
पैर मेरे पायल आप के नाम की
पैर की उँगली मेरी बिछुए आप के नाम की
कोख मेरी संतान आप के नाम की
नाम मेरा सरनेम आप के नाम का
शरीर मेरा शृंगार आपके नाम का
सुंदरता मेरी पर अधिकार आप का
हर नारी पर अधिकार उसके पति का
ईश्वर ने हर सुंदर नारी को उसके पति को उपहार में दिया है। इसलिए महिलाओं को सम्मान देना चाहिए हर सुख दुख की साथी अपने पति की होती है ।