कविता और कहानी
पत्नी अपने पति को बहुत प्यार से कहती है
जैसे शिव जी पार्वती के बिना अधूरे विष्णु जी लक्ष्मी के बिना अधूरे ठीक वैसे ही हर पति बिना पत्नी के अधूरे “लड़की “इज्जत माता पिता के घर की “लड़की “ सिर का ताज ससुराल की नारी “ आन बान शान परिवार की शादी के बाद कुछ यूँ कहती अपने पति से “ माँग मेरी…
बुर्खा और घूँघट प्रथा —-एक सामाजिक बुराई
कभी तो देखे अपनी माँ को, जो बुर्खा मुख पर ओढ़े थी , कभी बोलती बिना जुबां के, माँ कब तू मुख खोलेगी ! क्या मेरी जवानी और बुढ़ापा तेरी तरह ही गुजरेगा , जो तेरे था साथ हुआ, क्या वो सब मुझपर बीतेगा ! कैसे गर्मी धूप में भी तू, सर ढक कर के…
करुणा मन में जो धरे होता वही महान
अंधकार मन का मिटे तम का न हो निशान उजियारा हो प्रेम का दूर हटे अज्ञान । मजबूत नींव कीजिये फिर कीजै संधान व्यर्थ किसी तूफ़ान में ढह न जाए मकान l पूर्ण जरूरत कीजिए रखिये इतना ध्यान ऐसी शिक्षा दीजिए बने नेक इंसान l घर के चिराग से कहीं जल न जाए मकान लाड़…
सूरज की सगी बहन
आग उगलती दोपहरी ये अंगारे सा दिन, कब आषाढ़ घन गरजेंगे कब बरसेगा सावन। प्यासे अधर नदी झरनों के, कंठ कुओं के सूखे, दिन भर के दुबके नीड़ों में, पंछी सोऐं भूखे। प्रातः से ही तपन तपस्विन करने लगी हवन, कब मेघों का बिजुरियों से होगा मधुर मिलन। सड़कों पर सन्नाटा लेटा, मृग मरीचिका बनकर,…
प्यासी धरती मुरझा मधुवन
प्यासी धरती तुझे पुकारे, प्यासी नदिया तुझे पुकारे, आ रे मेघा अब तो आ रे। बादल नीलगगन पर छाते, संग आंधियों को ले आते, तेरे राजदूत बनकर वे, झूठे आश्वासन दे जाते। सूखी पोखर तुझे पुकारे, आ रे मेघा अब तो आ रे। कोयल सूखी अमराई में, विरह गीत गाती रहती है, और मोरनी…
पगड़ी का मान
तुम्हारी बहन के यहां शादी में तुम ही चले जाओ। मुझे नहीं जाना अपनी बेइज्जती कराने के लिए। पूजा अपने पति से झूंझलाकर कह रही थी। पूजा का पति नीतीश चुपचाप पूजा की बात सुन रहा था। पूजा की बात भी सही थी। क्योंकि उसकी बहन अपनी अमीरी के दंंभ में उनको बेइज्जत करती ही…
कौन कहता है धरती पर नहीं भगवान : सीमा शर्मा
माँ के त्याग ,समर्पण , योगदान और उनके प्यार के प्रति और सम्मान सभी मातृ शक्तियों को समर्पित करते है इन पंक्तियों के साथकौन कहता है धरती पर नहीं भगवानहमे देखा है इस धरती पर देवी के रूप में है माँ”कोख में रखकर नौ महीने तकलीफ़ सहन करती है माँबाहरी दुनिया के दर्शन भी कराती…
जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं,वे लक्ष्य बनाने वाले लोगों के लिए काम करते हैं
यदि आप अपनी योजना को सार्वजनिक कर दें, तो आप सामाजिक दबाव की वजह से उस पर अमल करने के लिए ज़्यादा समर्पित हो जाएँगे। योजना बताती है कि आदर्श परिस्थिति में क्या होना चाहिए। समीक्षा बताती है कि क्या हो रहा है और मनचाहा परिणाम पाने के लिए आपको क्या फेरबदल करना चाहिए। योजना…