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बरसी एैसे प्रभु कृपा,दिलों से दिल की बात मिली उमड़ा सावन हिंदी भवन में स्नेह की सौग़ात मिली

इसे प्रभु कृपा नहीं तो और क्या कहा जाए, जब विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े अभिन्न रचनाकारों ने, अपने लेखन से अनुराधा प्रकाशन को साहित्यिक समृद्धि देकर, इस काबिल बनाया कि एक साथ 15 पुस्तकों का लोकार्पण सँभव हो पाया। 21 जुलाई 2019 का दिन अनुराधा प्रकाशन के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन कर आया, जिसमें…

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जीनत

            “मैडम आपको पता है जीनत ने साइंस छोड़ दिया है ।” रीना ने अपनी मैडम को जब सनसनीखेज अंदाज में बताया तो मैडम भी  चौंक गयीं क्योंकि यह खबर ही अप्रत्याशित थी “क्यों‌ ,क्यों छोड़ दिया उसने साइंस वह तो मैथ्स और साइंस में बहुत तेज थी।” पता नहीं मैम ,वैसे इस समय वह…

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हीमा

तुम द्युति गति अनन्त सीमा हो श्वासों का ऊर्जित प्रवाह ऊषा प्रस्फुट हीमा हो! °°°°°°°° तुम गति लय भारत की तुम उत्तंग शिखर पताका तुम गौरवपथधावक विजयी तुम अग्निशिखा शलाका! ••••••••• तुम धीरजधात्री धरणी तुम लक्ष्यभेदक करणी तुम एकलव्य पार्थ हो भारत अस्मिता भवतरणी! °°°°°°°° तुम जठराग्नि अभाव तुम अकिंचन दबाव हो तुम प्रभंजन नियतिकाल…

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विकसित राष्ट्रों की सूची में हिंदुस्तान रहे ऊपर

हिमगिरी  हुंकार  रहा है; हिंदुस्तान  जिंदावाद.सीमा पर जो करे शरारत, उसे करना है बर्बाद.भारतवर्ष  चाहता  है;  सुखी  सारा  संसार रहे.सारी दुनिया ले संकल्प,आतंकी कोई नहीं बचे. यहां की सैन्यशक्ति से सभी पड़ोसी परिचित है,जानता है हिंद के आगे उसकी कोई न हस्ती है.ऐसे में यहां से पंगा लेना  बर्बादी को बुलाना है,अंतत:भारत के सामने आत्मसमर्पण…

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और बचपन खो गया

नीम पर बैठे पंछियों की चहचहाहट तालाब मे झिलमिलाते दीपों की जगमगाहट बचपन,सुनहले सपनों का एक रेला सुहानी यादों का बढ़ता एक कारवाँ नीले अंबर में उन्मुक्त पंछियों को उड़ते हुए देखना मानो आगे बढ़ने का संदेश दे रहे हैं आसमान की बुलंदियों को छूने का  सन्देश घूमती हुई उल्काओं को जानने का संदेश सूर्य…

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जय भोले शंकर

भोले शंकर अबके सावन में अपने पास बुलाना। दिल में जगह न दो तो अपने पैरो में जगह बनाना।। शीश तुम्हारे चरणो में रख मेरा जीवन कट जाए। सर पर हाथ रहे तुम्हारा तो हर संकट कट जाए।। जब जब शंकर नाम तुम्हारा मेरे मुख पर आए। मन से लेकर अंतर्मन तक सब पवित्र हो…

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मासूमियत से मशरूफियत

इस दुनिया में मासूमियत से जब हम- मशरूफियत की और बढ़ते हैं लगता है हर रिश्ते के मायने बदल जाते हैं पहले ज़रा सी चोट लगने पर भी रोते थे अब दिल पे ज़ख्म खा कर भी मुस्कुराते हैं यारो संग उठना बैठना और खाना पीना , जश्न में हंसना नाचना और गाना बजाना अब…

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खुशी हो या गम नशा का सेवन क्यों

पर्व-त्योहारों या गम को दूर करने के लिए अथवा विभिन्न सामाजिक पार्टीयों में विशेषकर फब पार्टीयों में नशीली पदार्थो जैसे शराब सिगरेट आदि का प्रचलन बढ़ रहा है और इसे बुराई के तौर पर देखने की प्रवृत्ति प्रायः कमजोर हुई है।नतीजा, युवा वर्ग इस ओर ज्यादा आकर्षित हुए हैं जो एक सभ्य समाज के निर्माण…

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माँ

सोनाली सिंघल समुंदर की गहराई माँ के आँचल की लंबाई कभी नापने की कोशिश मत करना जीवन बीत जाएगा पर तू नही जीत पाएगा… कल नहीं बिना कुछ किए ये ज़िंदगी मिल सकती है उसका फल नहीं अपने आज को आज ही जी सकते हो कल नहीं, खुवाइशो को कम करो चुनिंदा के लिए होसले…

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डॉक्टर प्रीतम कहिन

वर्ग उनके प्रवचन सुनकर भक्त ने पूछा आप इससे पूर्व ज्यामितिके अध्यापक थे क्या? क्यों की  आप वर्ग की बातें करते थे और अब अपवर्ग की     त्रिभूज रसिक की पत्नी को प्रेम के त्रिकोण का पता चला तो इस त्रिभुूज को भलि-भलि-भांति बांच के अपने अनुकूल कर लिया, भुजाएं खीच खांच के       सलूक…

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