साहित्य
इतना तो असर हो मेरी दुआओं में घुले प्रेम का रँग सारी फ़िज़ाओं में
कितना अद्भुत सँगम है माँ शारदे की स्तुति के साथ हर रूह की चूनर प्रेम रँग से रँगते बसँत की दस्तक का !! कितना खूबसूरत नज़ारा है !! हर तरफ ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा के पँडाल वीणावादिनी की कर्णप्रिय स्तुति से गुँजित हैं !! बसँत की ख़ुमारी से रँगी ये सारी क़ायनात…
इस नववर्ष पर, देश के चप्पे-चप्पे में उजाला हो तम का सँहार करता हर दिल,निर्भय शिवाला हो
2020 सयानेपन की उम्र में कदम बढ़ाती हर उम्र की वो गणना है जहाँ पहुँच कर टीन एेज समाप्त हो जाती है।इस कमसिन उम्र में पाँव न फिसले,इसीलिए हर धार्मिक इँसान अपनी अपनी सामर्थ्यानुसार विद्याध्ययन के साथ साथ स्वाध्याय की ओर अग्रसर होता है और अपने चिंतन से अपने जीवन के उद्देश्य की खोज पर…
दस्तावेज दिखाने में परेशानी किसे ?
चीजें शीशे की तरह साफ हो रही हैं , दंगाई सन्न है , विपक्ष धीरे-धीरे समझ रहा कि एन डी ए सरकार अपने मेनिफेस्टो के अनुसार आगे बढ़ रही । देश के मुसलमानों के लिए कोई एन आर सी नही है। कोई भी किसी से 1971 से पहले के दस्तावेज नही मांग रहा है। ऐसा…
भारतीय साहित्य पर्यावरणीय चेतना से ओत-प्रोत है – अजिम्स मुहम्मद भारतीय साहित्य में पर्यावरण विमर्श पर कोडुंगल्लूर में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
पर्यावरण प्रदूषण या पर्यावरण में मानव के हस्तक्षेपों के कारण आजकल जो प्राकृतिक विपत्तियाँ दुनिया भर में हो रही हैं, इनसे हम सब वाकिफ़ हैं । पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का समय बीतता जा रहा है । युवा वर्ग इस गंभीर समस्या के प्रति सचेत नज़र आते हैं । भारत इस विषय में गहराई…
खुद से खुद के सँवाद की लिपि को गढ़ा जाए
नववर्ष की ढेरों शुभकामनाओं के साथ एक नया प्रण लिखें समूची मानवता के उत्थान हेतु बिताया हर एक क्षण लिखें —- समय का महाकुँभ अपनी गति से निर्बाध चलता रहता है और हर साल अपने साथ अनेक खट्टी मीठी सँवेदनाएँ और जीवन रूपी महासागर में आए मानसिक प्रदूषण की लहरों का कुछ कचरा भी अपने…
नशे की जद में भामाशाह की नगरी
” लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है “ आज में जिस विषय पर लिख रहा हूँ उस विषय पर बशीर बद्र साहब की यह पंक्तियां एकदम सटीक बैठती नजर आती हैं माफ करना आज में जो लिख रहा हूँ वो शायद आपको बुरा लग सकता है?…
डॉ० कुँवर बेचैन को राष्ट्रीय एम०के० साहित्य अकादमी शिरोमणि अवार्ड 2019 से नवाज़ा गया
एम०के० साहित्य अकादमी पंचकुला (रजि०) एवं माइंड वेदा इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में हरियाणा उर्दू अकादमी पंचकुला के सहयोग से डॉ मनोज कुमार गुप्ता की स्मृति में 15वें वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 2019 के अंतर्गत कवि सम्मेलन एवं मुशायरा तथा अवार्ड व सम्मान समारोह का आयोजन दिनांक 14 दिसंबर 2019 ( दिन शनिवार ) को दोपहर…
आदरणीय वशिष्ठ नारायण सिंह जी
अलविदा सर, अच्छा हुआ आपको इस दुनिया से जल्दी ही मुक्ति मिल गयी । हां आपको सम्पूर्ण सम्मान इस दुनिया में नहींमिला इसका दुख अवश्य ही रहेगा। आपकी भी तो गलती थी राष्ट्र भक्ति के चक्कर में पड़ गये और वापस अपने वतन लौटकर आ गये। क्या मिला आपको अपने वतन में। किसी पैसे वाले…
‘जीवन’ का दुरूपयोग
एक तरफ तो हम कहते हैं कि जल ही जीवन है और तो वही दुसरी तरफ हम अपने दैनिक जीवन में निरंतर जल संसाधनों का दुरूपयोग कर उनका दोहन करते जा रहे हैं। जल सभी के लिए अति आवश्यक है। जैसे मानव जीव जंतु पशु पक्षी पेड़ पौधे फसल उत्पादन आदि सभी के लिए अति…
कितना सुंदर है बेटियां होना
घर के आंगन में तितलियां होना कितना सुंदर है बेटियां होना Ghar Ke Aangan Mein titliyan hona KItna Sundar Hai betiyan hona सब के घर मे खुशी नहीं आती मांगती हैं ये नेकियां होना Sab ke ghar mein Khushi nahin aati Mangti Hai ye nekiyan hona जिसको इज़्ज़त नहीं है औरत की ग़ैर मतलब हैं…