नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि प्राइवेट अस्पताल वाले दुर्घटना पीड़ितों के इलाज में मदद करने के बजाय ढुलमुल रवैया अपनाते हैं तो उन अस्पतालों पर दिल्ली सरकार सख्त ऐक्शन लेगी. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार अपनी योजना के अंतर्गत दुर्घटना पीड़ितों के इलाज का पूरा खर्च उठा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी, 2018 से अप्रैल 2019 के बीच 2,501 लोगों का निजी अस्पतालों में फ्री इलाज हुआ है.
सचिवालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली की सीमा के अंदर अगर कोई एक्सीडेंट होता है या कोई एसिड अटैक होता है या कोई बर्न इंजरी होती है तो उसका तुरंत इलाज कराना बहुत जरूरी होता है. मेडिकल क्षेत्र में कहा गया है कि पहले 1 घंटे में अगर उसको मेडिकल की सुविधा मिल जाए तो दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की जान बचने के आसार काफी ज्यादा रहते हैं. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई ऑर्डर भी हैं जिनमें कहा गया है कि अगर किसी ऐसे पीड़ित को लेकर आप अस्पताल लेकर जाते हैं तो कोई भी अस्पताल इलाज करने से मना नहीं कर सकता.
इसके लिए दिल्ली सरकार ने योजना बनाई है कि उसके इलाज का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी. यह योजना फरवरी, 2018 में लागू हुई थी. फरवरी, 2018 से लेकर अप्रैल, 2019 के बीच इस 14 महीने में 2,501 लोगों को अस्पताल ले जाकर जान बचाई जा चुकी है. इन लोगों को प्राइवेट अस्पतालों ले जाया गया. वहां उनका इलाज हुआ.“
उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि सभी अस्पतालों का बहुत पॉजिटिव रेस्पॉन्स रहा है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे किसी को भी मना नहीं करेंगे. लेकिन उन्हें ये भी बता दिया गया है कि अगर वे मना करेंगे तो दिल्ली सरकार उस अस्पताल के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेने में नहीं हिचकेगी. अगर ये पता चला कि ऐसे किसी भी मामले में उनका रवैया गैर- जिम्मेदाराना था और उसकी वजह से किसी की मौत हो जाती है तो दिल्ली सरकार उस अस्पताल का लाइसेंस कैंसल करने से भी नहीं हिचकेगी.’