हिंदी की गूंज टोक्यो जापान द्वारा आयोजित साहित्यिक प्रतियोगिता में “माँ जैसा कोई नही” वर्ल्ड रिकार्ड बुक के लेखकों में भारत की ओर से मनावर जिला धार मप्र के संजय वर्मा “दृष्टि” को हिंदी जी गूंज अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से माँ की यादों की माला पिरोने के अथक प्रयास से सम्मानित किया जाना है। जापान की संस्था को भविष्य में संजय वर्मा “दृष्टि” से ओर भी आशाये है।राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित संजय वर्मा”दृष्टि” की लगभग पाँच हजार काव्य रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है|150 साझा काव्य संकलन आपकी साहित्यिक कीर्ति में नित अभिवृद्धि करते हैं|लगभग चार दशकों से अधिक निरंतर सृजनरत श्री संजय वर्मा”दृष्टि” आकाशवाणी और दूरदर्शन पर भी कई बार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं| बेटी बचाओ पर आधारित अपनी प्रसिद्ध कृति”दरवाजे पर दस्तक”से दुनिया भर में लोकप्रिय हुए संजय वर्मा”दृष्टि” की रचनात्मक ‘दृष्टि’ बड़ी समृद्ध और व्यापक है|वर्तमान में नए संग्रह “बेटियों का आँगन”, “बागेश्वर धाम” काव्य संग्रह प्रकाशित है।बेटी पर श्रंखलाबद्ध लिखी आपकी अनगिनत रचनाओं को पाठकों ने बड़े दिल से मान-सम्मान दिया है| सामाजिक,साहित्यिक संस्थाओं में अनवरत सहभागिता आपकी अभिरुचि और सृजनशीलता को नये आयाम प्रदान करती है|।विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में गद्य-पद्य,लेख प्रकाशित होते रहे हैं,जो पाठकों के साथ अन्य लेखकों को भी निरंतर सक्रिय रहने और सृजनरत रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।अंतराष्ट्रीय हम हिंदुस्तानी साप्ताहिक पेपर अमेरिका.,कनाडा अफ्रीका से प्रकाशित होता है उसमे एक दिन में 14 लेख ,कविता प्रकाशित होने का रिकॉर्ड भी इनके नाम पर है।मुख्य कृतियाँ–‘दरवाजे पर दस्तक’,खट्टे मीठे रिश्ते (कहानी संग्रह),तुम मुझसे झूठ तो नहीं बोल रहे(उपन्यास) कनाडा से प्रकाशित। समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं निरन्तर रचनाओं का प्रकाशन।
मुख्य सम्मान/पुरस्कार–राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्थाओं से 600 से भी अधिक सम्मान व पुरस्कार प्राप्त। स्टार बुक ऑफ़ इंटरनेशनल से सम्मान एवं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में तीन बार नाम दर्ज है।