आपदा के वक्त में विदेशी जमीन पर फंसे अपने को बचाने का भारत का एक लंबा इतिहास रहा है। किसी भी परिस्थिति में भारतीय दूतावासों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के बीच सोशल मीडिया पर एक ट्वीट वायरल हो रहा है। यह ट्वीट वर्ष 2017 का है जब दिवंगत सुषमा स्वराज भारतीय विदेश मंत्री थीं। उन्होंने लिखा था कि, ‘अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंसे हैं, तो वहां भी भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा’। यह ट्वीट अब यूक्रेन के संदर्भ में वायरल हो रहा है कि कैसे भारतीय सरकार यूक्रेन में फंसे लोगों की मदद कर रही है।
भारतीय सरकारों ने हर स्थिति में अपने नागरिकों को साथ दिया है। फिर वो चाहे महामारी हो या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा, युद्ध और अन्य आपदाओं के बीच भारतीय नागरिकों को बचाया गया है। सरकार द्वारा चलाए गए सफल अभियानों में कुछ के बारे में आज हम आपको बता रहे हैं।
वंदे भारत मिशन
जब कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया था। तो केंद्र ने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन शुरू किया। आपरेशन के कई चरणों में 30 अप्रैल 2021 तक लगभग 60 लाख भारतीयों को वापस लाया गया। केंद्र के अनुसार, 18,79,968 भारतीयों ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानों में वापस उड़ान भरी। वहीं अन्य 36,92,216 लोगों ने चार्टर्ड उड़ानों के माध्यम से देश वापसी की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नौसेना के जहाजों ने 3,987 भारतीयों को स्वदेश लौटने में मदद की और 5,02,151 को जमीनी सीमाओं के माध्यम से वापस लाया गया।
आपरेशन राहत
साल 2015 में यमनी सरकार और हूती विद्रोहियों के बीच संघर्ष छिड़ गया था। जैस-जैसे वहां संघर्ष की स्थिति बढ़ रही थी, भारत की चिंताएं भी बढ़ती जा रही थीं। क्योंकि उस दौरान सऊदी अरब ने देश में नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया था। जिससे हजारों की तादाद में भारतीय वहां फंस गए। प्रतिबंधों के कारण यमन हवाई मार्ग से नहीं पहुंचा जा सकता था। ऐसे में भारत ने समुद्र के रास्ते प्रारंभिक निकासी करने का फैसला किया। कुछ हफ्तों के वक्त में, भारत ने यमन में फंसे लगभग 4,640 भारतीयों के साथ-साथ 41 से अधिक देशों के 960 विदेशी नागरिकों को भी सुरक्षित बचाया। भारत सरकार ने यमन से लगभग 5,600 लोगों को निकालने के बाद आपरेशन राहत को समाप्त कर दिया था।
आपरेशन मैत्री
आपरेशन मैत्री साल 2015 के दौरान नेपाल में आए भूकंप के बाद शुरू किया गया। इस मिशन को भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा संयुक्त रूप से राहत और बचाव अभियान के तौर पर संचालित किया गया। भूकंप आने के 15 मिनट के भीतर ही भारत ने आपरेशन मैत्री शुरू कर दिया था। यह मिशन भारतीय थल सेना और वायु सेना द्वारा संयुक्त तौर पर चलाया गया। अभियान के तहत 5,000 से अधिक भारतीयों को वायु सेना और नागरिक विमानों द्वारा नेपाल से वापस लाया। भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी के 170 विदेशी नागरिकों को भी सफलतापूर्वक निकाला।