मैं, वो और बैंक
मैं, अर्थात आप ही की तरह साधारण जन,ग्राहक, उपभोक्ता, तथा बैंक का सामान्य कर्मचारी व मध्यम स्तर तक का अधिकारी, जिसे अपने ईमानदारी से कर्तव्य पालन करते हुए परिवार का भरण पोषण करना है। ग्राहक व ये कर्मचारी अपनी पूंजी की सुरक्षा व ऋण ले कर जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की आंकाक्षा को ले…