नयन पिरो रहे अश्रु माल हैं !
कदम कदम पर साथ मिला औ , काँधे पर चढ़ना , इठलाना ! दूर दूर तक रखी निगाहें , पलकों में सब सिमटा आना ! दूर आपसे रहकर जाना , जीना भी सचमुच बवाल है !! खेल कूद या खाना पीना , कैसे मस्ती में है जीना ! हार जीत कैसे पच जाये , कैसे…