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खामोश

मै मंहगाई हूँतेरी कमर तोड़ने आई हूँकर ले तू लाख जतनलूट के रहूँगी तेरा अमनमेरा तुझसे रिश्ता पुराना हैतू मुझे बुलाये न बुलायेमुझे तो तेरे घर आना हैतेरी ज़िंदगी पे तो मेरा हक़सौफ़ीसदी मालिकाना हैमै डंके की चोट पे कहती हूँकोई क्या कर लेगा मेरामै अकेली नहीं हूँजमाखोरियों/कालाबाज़ारियों/सटोरियोंसे रिश्ता पुराना है मेरामै इनकी छत्र छाया…

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मुंबई का ठाकरे और हिंदुत्व का शूटआउट !

मुंबई में शूटआउट शब्द बड़ा प्रसिद्ध है । ये शूटआउट शब्द निश्चित रूप से आपने बॉलीवुड फिल्मों में सुना होगा किन्तु जब बाला साहब ठाकरे नाम का दिग्गज मुंबई में राज करता था तब हिंदुत्व का ध्वज महाराष्ट्र के आसमान पर सबसे ऊंचाई पर लहराता था और शूटआउट शब्द केवल माहौल बिगाड़ने वाले के लिए…

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कस्तूरबा गाँधी : डॉक्टर मनोज

(11 अप्रैल, 1869 से 22 फरवरी, 1944) प्रारंभिक जीवन :- कस्तूरबा गाँधी का जन्म 11 अप्रैल सन् 1869 में काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। कस्तूरबा के पिता ‘गोकुलदास मकनजी’ एक साधारण व्यापारी थे और कस्तूरबा उनकी तीसरी संतान थी। उस जमाने में ज्यादातर लोग अपनी बेटियों को पढ़ाते नहीं थे और विवाह भी…

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अब चंदा मामा दूर के नहीं, अब एक टूर के-मोदी

भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, और दक्षिण अफ्रीका में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली उस लैंडिंग को देखते हुए कहा, “यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है, और यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है…”प्रधानमंत्री ने कहा, “देशवासियों…

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युवाओं को संसदीय कार्यवाही को नियमित रूप से देखना चाहिए : ओम  बिरला

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के वार्षिकोत्सव को संबोधित करते हुए देश के युवाओं से नियमित आधार पर संसदीय कार्यवाही देखने का आह्वान करते हुए कहा है कि पिछले 20 से ज्यादा वर्षों से भारत की संसद और विधान सभाओं में महिलाओं, युवाओं तथा उपेक्षित समाज की हिस्सेदारी लगातार…

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दिल्ली-राष्ट्रवाद की नई प्रयोगशाला दिल्ली चुनाव भाग 1

कुछ दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं | जैसे जैसे वक़्त क़रीब आता जा रहा है, यहाँ की फिजाओं में राजनीति की महक फैलती जा रही है | पर दिल्ली का चुनाव किसी के लिये भी आसान नहीं है, न तो 5 साल अच्छा सरकार चलाने का दावा करने वाली…

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चेतना के फूल

चेतना के फूल तभी खिले जब सर्वस्व चढ़ाया है भानु का तांडव जारी फिर भी अंतरमन प्रेम से नहाया है कोई तो बात होगी सावन की फुहार में जो कीचड़ में भी कमल खिलाने की संभावनाओं को प्रकट करती है।दृष्टि हो तो सृष्टि बदल जाती है वर्ना सदियों के फेरों में उम्र निकल जाती है।जब-जब…

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द्वि-दिवसीयअखिल भारतीय वेद विज्ञान सम्मेलन 2023

महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में द्विदिवसीयअखिल भारतीय वेद विज्ञान सम्मेलन 2023 द्वितीय दिवस महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में द्विदिवसीयअखिल भारतीय वेद विज्ञान सम्मेलन 2023 का आयोजन सी सुब्रमण्यम हॉल, पूसा संस्थान; नई दिल्ली में किया जा रहा है। प्रस्तुत कार्यक्रम का आयोजन विश्ववेद परिषद्, परमार्थ…

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है (थी) प्रीत जहां की रीत सदा

सम्पादकीय (मनमोहन शर्मा ‘शरण’) आप सभी को नव वर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएँ । प्रभु आपको सुख, शांति, समृधि, वैभव प्रदान करे, ऐसी मैं प्रार्थना करता हूँ । बात अपने देश भारत की करते हैं, वर्ष 2019 में जो हुआ, वो हो चुका अब हमें 2020 में 20–20 का मैच बनाने यआमने–सामनेद्ध के बजाए 2020…

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मतलब के यार

चंद्र प्रकाश जी अपने मित्र रमेश की पौत्री का रिश्ता करने के लिए भागम भाग कर रहे थे। लड़का उनकी जानकारी में था। दोनों पक्षों में उनकी उठ बैठ थी। रिश्ता करने के चक्कर में कई बार उन्हें यात्रा भी करनी पड़ी। अपने घर पर भी उनको बातें सुननी पड़ती थी कि बे फालतू के…

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