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“ईदी”

बस स्टैंड पर रुकी तो मैंने राहत की सांस ली। कंडक्टर की आवाज़ बस में गूंजी कि बस आगे नहीं जाएगी सबको यहीं उतरना पड़ेगा। मैंने उतरने के लिए अपना बैग उठाया और बस के दरवाजे की और बढ़ा। मेरे साथ वाली सीट पर बैठा लड़का अब भी सो रहा था। मैंने उसे जगाने की…

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मौसम के रंग हेमंत के संग

मौसम कहता, पतझर है पर अभी नहीं आ गया मधुमास, परन्तु पीपल बृक्ष से चिपके सूखे पत्ते, हवा में हिलते डुलते जैसे बाय-बॉय करते कह रहे हों पतझर को  “जान बाँकी है अभी मुझमें” जैसे किसी बृद्ध की जान अटकी हो अपने नये वंशज को देखने के लिये। नौखेज पत्ते लगे हैं दिखने बृक्ष की…

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बुरा न मानो, होली है

होली रंगों का त्योहार है। इस दिन लोगों द्वारा एक दूसरे पर रंगीन पाउडर और रंगीन पानी छिड़का जाता है। फागुन के महीने में पूर्णिमा (फरवरी-मार्च) के दिन पड़ने वाला यह वसंत उत्सव प्राचीन काल में ‘मदन-उत्सव’ के रूप में जाना जाता था। ब्रज की होली (उत्तर प्रदेश का मथुरा-वृंदावन क्षेत्र पारंपरिक रूप से कृष्ण…

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अयोध्या के भाग अब खुल जाएँगे, राम आएंगे….

सोमवार यानि 22 जनवरी 2024 को ना केवल देश बल्कि संपूर्ण विश्व एक ऐसी अद्भुत घटना का साक्षी बनेगा जिसके लिये हिन्दुओं ने कई शताब्दी संघर्ष किया, बलिदान दिया, अपना तन मन धन सब न्यौछावर कर दिया, अपने ही देश में अपने ही आराध्य के मंदिर के लिये हिन्दुओं को  क्या क्या दुःख, अपमान नहीं…

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मानवता को प्रणाम : मनमोहन शर्मा ‘शरण’

भारत में कोरोना विस्फोट चरम पर है, 3–80 लाख के लगभग मामले एक दिन में आना अपने में भयावह है किन्तु साथ ही ठीक होने वालों की संख्या भी 2–97 लाख के लगभग है, जो बाकी देशों की तुलना में संतोषजनक है । इस बार कोरोना की सूनामी युवाओं को अ/िाक चपेट में ले रही…

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योग और अध्यात्म

आओ, योग करें  हम  और   करें     आत्म- मन्थन, योग   हमारे   लिए आज  है   कितना      उपयोगी? इसका है अभिप्राय पुरुष-प्रकृति की विवेचना और पुरुष- तत्व   का   आसन- रूप  में    विश्लेषण  है। गीता में भी कहा कृष्ण ने पुरुष-प्रकृति विश्लेषण है, अन्य वक्ता  भी  इसको   इसी अर्थ  मैं   हैं    मानते। इसके  होते   पन्द्रह  प्रकार  जो  अति महत्वपूर्ण …

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बरसी एैसे प्रभु कृपा,दिलों से दिल की बात मिली उमड़ा सावन हिंदी भवन में स्नेह की सौग़ात मिली

इसे प्रभु कृपा नहीं तो और क्या कहा जाए, जब विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े अभिन्न रचनाकारों ने, अपने लेखन से अनुराधा प्रकाशन को साहित्यिक समृद्धि देकर, इस काबिल बनाया कि एक साथ 15 पुस्तकों का लोकार्पण सँभव हो पाया। 21 जुलाई 2019 का दिन अनुराधा प्रकाशन के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन कर आया, जिसमें…

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पिता (कविता-10)

इस संसार में आकर ,हमनें पिता को शीश नवाया हैं। हमारे रूप को देखकर ,पिता ने अपने रूप को हममें देखा हैं।। जब हम हँसते मुस्कराते हैं ,पिता ने हममें अपनी मुस्कान को पाया हैं। जब हम व्याकुल दुखी होते हैं, पिता ने भी हमारे सभी दुखो को समेटा हैं।। माता ने पिता को पाकर…

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सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या

यशपाल सिंह “यश” जहां अमृत भी संभावित था वहां गरल चुन लिया उन्होंनेजीवन में संघर्ष बढ़ा तो, काम सरल चुन लिया उन्होंने सूख रहे तरुवर जीवन के, पर हरियाली संभावित थीमगर शुष्क उपवन की खातिर, दावानल चुन लिया उन्होंने जीवन के हर दोराहे पर, ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’जब अपनी बारी आई तो, मार्ग विफल चुन…

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ये भी एक रास्ता

अनिल बड़ी मुश्किल से सांस ले पा रहा है।आखिर आगे ढींगू मंदिर की खड़ी चढ़ाई है, पहुंचना भी बौद्घ गोंपा तक है।पिता जी ने किसी जमाने में यहां शिमला में सस्ते में ज़मीन ले ली थी फिर गांव छोड़ यहीं के हो कर रह गए  थे। अनिल अब नौकरी के सिलसिले में चंडीगढ़ ज़्यादा रहता…

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