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हिंदी भाषा भूषण की मानद उपाधि मिली.. उर्मिला को

छत्तीसगढ की साहित्यकार उर्मिला देवी उर्मि को हिंदी भाषा की अनुपम सेवा के लिए देश की प्रतिष्ठित संस्था.. साहित्य मंडल नाथद्वारा राजस्थान.. द्वारा हिंदी भाषा भूषण की उपाधि से विभूषित किया गया है ।हिंदी पखवाडे के अवसर पर संस्था द्वारा 14 से 16 सितं. 22 तक .. हिंदी लाओ,देश बचाओ.. शीर्षक से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी…

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संपादक मनमोहन शर्मा ‘शरण
को मिला ‘संपादक रत्न सम्मान’

साहित्य जगत में अपनी अनुपम अनूठी एवं गौरवमयी उपस्थिति दर्ज कराता विश्व विख्यात संस्थान ‘साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा’ द्वारा 3 दिवसीय आयोजन ‘हिंदी लाओ देश बचाओ’ में देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे साहित्य प्रेमियों, पत्रकार–संपादक, समाजसेवियों का मिलन हुआ जिसमें उत्कृष्ट साहित्य सृजन हेतु साहित्यकारों को तथा संपादन क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर संपादक…

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हमारी गुरु- शिष्य परम्परा

क‌ष्ण पक्ष को पार कर पूर्ण चंद्र हमें प्रेरणा देता है पूर्णता की। पंद्रह दिवस की कटाई -छटाई के उपरांत जो पूर्ण रूप उसे पूर्णिमा को मिलता है वह द्योतक है उसकी अविराम साधना का।शायद इसीलिए वर्ष की बारहों पूर्णिमा अपने आप में समृद्ध हैं,किसी ना किसी सांस्कृतिक सौष्ठव से। श्रावणी पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व…

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शिक्षक दिवस (गुरु पर) पर विशेष

लाल बिहारी लाल बिना गुरु ज्ञान जग में,ले ना पाया कोय।गुरु का जो मान रखा, जग बैरी ना होय।1। गुरु को गुरु की तरह, माने आज इंसान।उसका मान सभी करे,हरी करे कल्याण।2। गुरु ज्ञान की खान है,ले लो जितनी चाह।भला करे बस हर घड़ी,लाल खुलेगा राह।3। गुरु बिन जग में कुछ भी,पाना नहीं असान।गुरु करे…

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गुरुवर जलते दीप से

दूर तिमिर को जो करें, बांटे सच्चा ज्ञान। मिट्टी को जीवित करें, गुरुवर वो भगवान।। जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान। गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान।। नानक, गौतम, द्रोण सँग, कौटिल्या, संदीप। अपने- अपने दौर के, मानवता के दीप।। चाहत को पर दे यही, स्वप्न करे साकार। शिक्षक अपने ज्ञान से, जीवन…

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जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान। गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान।।

बच्चों के विकास में, शिक्षकों की आदर्श भूमिका सही मूल्यों और गुणों के प्रवर्तक और प्रेरक की होनी चाहिए। इस प्रकार, छात्रों को ज्ञान सीधे चम्मच खिलाने के बजाय, उन्हें बच्चों में पूछताछ, तर्कसंगतता की भावना विकसित करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वे अपने दम पर, जुनून के साथ सीखने के लिए सशक्त महसूस…

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मौन मैं और मेरे शब्द हो जाओ तुम : नमिता नमन

मौन मैं और मेरे शब्द हो जाओ तुम प्रीति का एक प्रारब्ध हो जाओ तुम एक पावन शिला मन अहिल्या सा था तुम मुझे राम जैसी छुअन से मिले  मुझको आकार साकार तुमसे मिला जैसे मीरा की भक्ति को मोहन मिले   सूक्ष्मतम मैं रहूं श्रेष्ठतम तुम रहो प्राण तक मेरे प्रतिबद्ध हो जाओ तुम…

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व्यंग्य – जात न पूछिए नेता की…!

जीवन में कोई कब कोई नेता किस धर्म जाति संप्रदाय का हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता । आजकल के ट्रेंड में हर संप्रदाय का अपना रूल रेगुलेशन है  । किसी को डॉगगिरी पसंद है तो किसी को घाघगिरी । अपने पलटूराम भैया को ही ले लीजिए ताजा ताजा मीम समर्थक बने थे और…

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संपादक मनमोहन शर्मा ‘शरण’ होंगे सम्मानित

हिन्दी की विश्व-प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था साहित्य-मंडल श्रीनाथद्वारा, राजस्थान के त्रिदवसीय (14 -16 सितम्बर 2022) राष्ट्रीय आयोजन में “उत्कर्ष मेल” (पाक्षिक पत्र) के सम्पादक श्री मनमोहन शर्मा ‘शरण’ को “सम्पादक रत्न” सम्मान  प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। शर्मा जी उत्कर्ष मेल पाक्षिक पत्र का सम्पादन 12 वर्षों से नयी दिल्ली से नियमित  रूप…

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डी. एम. का चश्मा

राजनीतिक सफरनामा : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश में बंदर डी.एम. साहब का चश्मा लेकर भाग गया । बंदर नहीं जानता डी. एम. साहब के रूतबे को । उसे तो सारे मानुष एक जैसे ही नजर आते हैं । उसने डी. एम. साहब का चश्मा देखा और छीन कर भाग गया । हो सकता है कि…

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