अवध में राम आए हैं
– रवीन्द्र जुगरान कलयुग में त्रेतायुग के, सरकार आए हैं। देखो-देखो आज अवध में, राम आए हैं।। जग नियंता सीताराम, मन मंदिर में बसे हुए। भारत की माटी में खेलकर , दशरथ नंदन बढ़े हुए।। जीवन में संबंधों की, मर्यादा लाए हैं। ग्राम- नगर में खुशियों के, अम्बार छाए हैं।। …