साहित्य
हिन्दी दिवस पर अंग्रेजी में शुभकामनाऐं
कुशलेन्द्र श्रीवास्तव (वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, स्थायी स्तंभकार) हिन्दी दिवस मनाना तो हमारी आदत में आ चुका है, अब हिन्दी दिवस चुपचाप नहीं निकलता, भले ही हममें से बहुत सारे लोग हिन्दी को लेकर प्रहसन करते हों पर हिन्दी दिवस तो मना ही लिया जाता है । ‘‘आइए हम हिन्दी को अपनायें’’ कहने वाले लोग इसे…
मरणासन्न स्थिति में पड़े जीवितों को निकाला जाए
कविता मल्होत्रा (संरक्षक – स्थायी स्तंभकार) मरणासन्न स्थिति में पड़े जीवितों को निकाला जाए अब के बरस श्राद्ध कर्म में श्रद्धा का भाव डाला जाए ✍️ ये तो सच है कि माता-पिता के प्रति अपने संपूर्ण दायित्व निभाने वाली संतान को तीर्थ यात्रा पर जाने की ज़रूरत नहीं होती।अपने विस्तृत परिवार के साथ-साथ समाज के…
व्यंग्य- भारतीय तालिबानी
अफगानिस्तान में एक ओर नई सरकार बनी तो यहाँ दूसरी तरफ पुरानी सरकार को गिराने की तैयारी है। ये भारतीय तालिबानियों की बात ही निराली है। इन्हें सबसे ज्यादा खतरा भारत में ही नजर आता है और तंज कसना इन्हें बखूबी भाता है। थोक के भाव में जैसे कम गुणवत्ता के फल मिल जाते हैं…
समाज के सर्वांगीण निर्माण में हिंदी भाषा एक महत्वपूर्ण टूल
हम सभी बखूबी जानते हैं कि, भारत एक बहु सांस्कृतिक और बहुभाषी देश है, लेकिन एक स्तर ऐसा भी है, जहाँ हम एकता के सूत्र में बंधे हुए है और वह है, भावनात्मक एकता का सूत्र। भारत जैसे बहु सांस्कृतिक और बहुभाषी देश को इस एकता के सूत्र में पिरोने के लिए और सुदृढ़ बनाने…
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में हिंदी दिवस 2021 का आयोजन
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स अर्थशास्त्र और वाणिज्य में अध्ययन करने के लिए एशिया के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में से एक है। इस महाविद्यालय से निकली अनेक विभूतियों ने देश का नाम रोशन किया है। कॉलेज की सबसे पुरानी सभाओं में से एक हिंदी साहित्य सभा एक पंजीकृत एवम् प्रतिष्ठित सभा है, जो कि 1928 से…
गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश करें
श्रीमती कविता मल्होत्रा (संरक्षक-स्तंभकार-उत्कर्ष मेल) गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश करें चिंतन ही जीवन का उद्देश्य करें ✍️ बुद्धि समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए मनुष्य उम्र भर एक प्रतियोगी की तरह अनेक रास्तों से गुज़रता है।अधिकतर रास्ते स्वार्थ सिद्धि की बुनाई से गुँथे होते हैं इसलिए गंतव्य पर न पहुँच कर बहुत से…
“मिल जाओ मोहन”
एक छोटे से गांव में मोहन अपनी मां के साथ रहता था। एक छोटा सा खेत था उनके पास। उसमें फसल उगाकर मां मोहन की परवरिश कर रही थी। मोहन एक होनहार छात्र था। कक्षा में हमेशा प्रथम आता।मेहनत से पढ़ाई करता। जो समय बचता उसमें मां की काम में सहायता कर देता। पिता का…
मानव उत्थान के संकल्प से बेहतर कोई विकल्प नहीं
कविता मल्होत्रा किसी भी देश की संस्कृति मन्नतों के धागों की आस्था पर नहीं बल्कि मानवीय उत्थान के संकल्पों पर चल कर ही दिव्यता की ओर अग्रसर होती है। ✍️ बांधे इस बार आशीष का धागा रहे न कोई भी मानव मन अभागा ✍️ लगभग दो वर्ष से समूचा विश्व महामारी के विध्वंसक परिणामों की…
आंकड़ों के खेल ने बढ़ा दीं मुश्किलें
राजनीतिक सफरनामा — कुशलेन्द्र श्रीवास्तव जब आंकड़ों का पौधा लहलहाता है तो धरातल दिखाई देना बंद हो जाता है । सरकार के सारे काम आंकड़ों के इर्दगिर्द ही घूमते हैं । यही तो कारण है कि संसद में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बता दिया कि हाल ही में सम्पन्न हुए कोरोनाकाल में किसी की भी…
स्वतंत्र् है अपनी धरा, मन में बहती गंग है
सम्पादकीय, मनमोहन शर्मा ‘शरण’ सर्वप्रथम आप सभी को स्वतंत्र्ता दिवस की हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएँ ।इस बार विशेष इसलिए भी है कि 15 अगस्त 2021 को हम 75वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं जो अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है ।आज हम एक पड़ाव पर पहुँचे हैं जहां हमें 7 दशक…