Special Article
वर्तमान परिवेश में कबीर पंथ अति प्रासंगिक
(कबीर जयंती के अवसर पर) डॉ नीरू मोहन ‘ वागीश्वरी ‘ यह तो घर प्रेम का, खाला का घर नाही ।सिर उतारे भूंई धरे , तब पैठे घर माही ।।कबीर जी के समाज पशुओं का झुंड नहीं है उसके दो तत्व हैं रागात्मकता और सहचेतना अर्थात मानव समाज में रागात्मक रूप से एक अतः संबंध…
भारत आर्थिक शक्ति बनने की राह पर
सोनल सिन्हा (CEO, IDFT मुंबई) आज भारत ही नही पूरी दुनिया चीन की हरकतों से परेशान है, गौरतलब है कि चीन में 5 मिलियन से ज्यादा लोग अपना रोज़गार खो चुके है वो भी 2020 के शुरुआती दो महीनों में, वस्तुओं की खुदरा बिक्री में एक साल में 20.5% की गिरावट दर्ज की गई हैं।…
गरीब-मजदूर पर बड़ी चोट पड़ी : मन की बात (पीएम)
मन की बात: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ की. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के मुकाबले भारत में कोरोना वायरस कम फैला है. हमें अभी और सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने कहा कि दो गज की दूरी का नियम हो, मुंह पर मास्क…
जीत उसकी …हार किसकी…. ?
मनमोहन शर्मा ‘शरण’ जब भारत में कोरोना महामारी का पहला मरीज संक्रमित पाया गया तब हमने चैकसी बरतनी शुरू कर दी थी, ऐसा हमें बताया गया । धीरे धीरे संख्या 50 / 100 तक पहुँची तब तक हम ‘जनता कर्फ्यू’ तथा लॉकडाउन की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुके थे । जब पहले लॉकडाउन की घोषणा की…
समस्याएँ –लाँकडाउन में मजदूरों की।
अभी कुछदिनों पूर्व तक प्रथम लॉकडाउन के दौरान देश में अचानक बढ़ती कोरोना संक्रमण की संख्या के लिए देशवासियों , नेताओं ,पत्रकारों मीडिया और अन्य उन सभीसामान्य लोगों के द्वारा जो लॉक डाउन के पश्चात देश को कोरोना मुक्त होजाने का स्वप्न देख रहेथे,उन तबलीगी जमातियों को अत्यधिक कड़वाहट से भर कर दोषी ठहराने लगेथे…
कोरोना भगवान की जय ?
यशपाल सिंह प्राचीन कथा है कि एक था हिरणाकश्यप। शक्तिशाली था । राजा था। अमर होना चाहता था, जैसे कोई भी राजा होना चाहेगा । ईश्वर की स्तुति की। ईश्वर प्रकट हुए मगर उन्होंने कहा कि अमरता को छोड़कर कुछ भी मांग लो। लेकिन वह तो अमर होना चाहता था। इसलिए उसने अपने मरने की…
आँसू जो तेज़ाब बन गये
प्रवासी नहीं,ये भारतवासी हैं,सैंकड़ों हजारों किलोमीटर दूर पैदल चलने को मजबूर हैं,इन्हीं को आप राष्ट्र निर्माता कहते हैं,भाग्य विधाता कहते हैं,यही तो आपके मतदाता हैं, जिन्होंने आप को सत्ता तक पहुंचाया है, यही हैं वो,जिनके बारे में संविधान की प्रस्तावना में लिखा है-“हम भारत के लोग”जिन गाँवो को ये लोग लौट रहे हैं, वे सालों…
मुसाफिर हूँ यारों
लगातार मजदूरों के पलायन की बातें सुन सुनकर और टीवी, व्हाट्सएप जैसे बहुत से माध्यमों के द्वारा बड़ी ही दुखदाई फोटो देख-देख कर मन बहुत ज्यादा व्यथित हो रहा था।सोच रहा था क्यों ना कुछ मजदूरों के पास जाकर उनकी स्थिति को जाना जाए। मन के कोतुहल को मिटाने के लिए मैंने इन लोगो…
बच्चों तुम तक़दीर हो कल के हिंदुस्तान की : कविता मल्होत्रा
इस बार गर्मी की छुट्टियों से पहले ही स्कूल बँद हो गए, और बढ़ी हुई छुट्टियों के साथ ही बच्चों का नानी-दादी के घर पर जाना बँद हो गया, दोस्तों के साथ बाहर खेलना-कूदना सब बँद हो गया।असमँजस की स्थिति में सभी बच्चे व्याकुल होकर लॉकडाऊन के ख़त्म होने का इँतज़ार कर रहे हैं। पूछे…
कोरोना महामारी-रियल एस्टेट क्षेत्र में सुधार के लिए एक अवसर
(सोनल सिन्हा फाउंडर – MyBhkFlat) इन दिनों पूरा विश्व कोरोना के संकट से जूझ रहा है। सच तो यह है कि विकसित और विकाशशील दोनों ही तरह के देश इसके शिकार हैं। यह किसी भी देश के लिए हरेक मुद्दे पर एक बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन चुका है। आज दुनिया के तमाम अर्थशास्त्री…