Latest Updates

सामाजिक संरचना की प्रासंगिकता :

प्राचीन भारतीय संस्कृति मूलतः अध्यात्मिक विकास पर आधारितएक विशेष सामाजिक वैविध्य को परिलक्षित करनेवाली संरचना थी। यह कोई निकट अतीतकी नहीं, वरन हजारों हजार वर्ष की सचेत मानसिकता के द्वारा संरचित हुई थी। अगर गम्भीरतापूर्वक विचार करें तो आज भी इसकी प्रासंगिकतासे इन्कार नहीं किया जा सकता।बहुत संभव है कि भविष्य भी इसकी सार्थकता  को…

Read More

कभी निष्फल नहीं हो सकता हमारा दूसरों को प्यार सम्मान अथवा महत्त्व देना

कुछ समय पहले की बात है कि एक हिंदी फिल्म देख रहा था। फिल्म और मुख्य पात्र का नाम है मिली। मिली एक मॉल के फूड जंक्शन में काम करती है। एक दिन गलती से मिली रेस्टोरेंट के फ्रीजर रूम में बंद हो जाती है। फ्रीजर रूम की सरदी के कारण उसकी हालत बहुत खराब…

Read More

दोहरा चरित्र

कामवाली सुगना की लड़की का ब्याह था। उसने साहब जी के घर पर सबको आने का न्योता दिया। बड़ी मालकिन ने मदद के नाम पर कुछ नगदी और कुछ पुराने संदूक में रखे हुए आउट फैशन साड़ी, कपड़े, जेंट्स जोड़े और कुछ बर्तन सुगना को दे दिए। अहसान जताया अलग। शादी में कोई नहीं गया…

Read More

व्यंग्य – कैशलेश होकर ये कहां आ गए हम….

मोबाइल आया घड़ी का ज़माना गया, लैपटॉप आया टेलीविजन का जमाना गया, एंड्राइड फोन आया रेडिओ का जमाना गया और अब तो हद ही हो गई ऑनलाइन पैमेंट आया बेचारे पर्स का जमाना गया। अति मॉडर्न दिखने के चक्कर में युवा वर्ग अपने पास कैश नहीं रखता। जो रखते भी हैं उनके पास खुल्ले पैसे…

Read More

समुद्र की गहराई में ध्यान

कुशलेन्द्र श्रीवास्तव अब पष्चिम बंगाल के संदेषखाली को भारत के लोग जानने ही लगे हैं, सारी दुनिया के जागरूक लोग भी जानने लगे हैं । जिस तरह से वहां के लोगों के साथ और वहां की महिलाओं के साथ अत्याचार किए गए उसका घिनौना रूप् सामने आ गया है । सत्ता के मद में चूर…

Read More

Saga of a lost battle

ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे इतिहास गवाह है कि हम जब भी बाहरी आक्रान्ताओं से हारे तो उसका कारण न तो हमारे सैनिकों में शौर्य की कमी थी न गिनती की। हारे तो सिर्फ अपने आंतरिक विवादों और आपसी दुश्मनी के कारण। इतिहास के पन्ने खंगालिए जनाब और उनसे सबक सीखिए। इतिहास में दो भूलें…

Read More

श्री भटनागर की पुस्तक शिव से संवाद का पद्म भूषण  श्रद्धेय दाजी द्वारा विमोचन

विश्व में विख्यात रामचंद्र मिशन हार्टफुलनेस मेडिटेशन के मार्गदर्शक एवं गुरु पद्म भूषण श्रद्धेय दाजी ने   इंदौर के हार्टफुलनेस मेडिटेशन सेंटर में एक समारोह में श्री अरुण एस भटनागर आई आर एस ,समूह सलाहकार आईआईएसटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा लिखित कविताओं का एक उत्कृष्ट संग्रह “शिव से संवाद” का विमोचन किया।  एक गरिमामय कार्यक्रम में …

Read More

World leader of Heartfulness Meditation Trust Revered Daaji Unveils “Shiv se Samvad” – A Poetic Journey in search of ultimate reality

Revered Daaji, the esteemed spiritual luminary and global guide of Heartfulness, proudly launched “Shiv se Samvad,” an exquisite collection of poems penned by Shri Arun S Bhatnagar (Group Advisor- IIST Group of Institutes). The book launch event held amidst an aura of reverence and anticipation at Heartfulness Meditation Centre in Indore, marked the debut of…

Read More

(21 फरवरी) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मातृभाषा संवर्धन का दिन

लाल बिहारी लाल +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++यूनेस्को ने नवंबर 1999 में सभी लोगों, समुदायों, क्षेत्र व देशों की मातृभाषा को संरक्षण प्रदान करने के लिए 21 फरवरी का दिन अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा के लिए समर्पित किया।++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++सामाजिक और वौधिक विकास में भाषा का अहम योगदान होता है। किसी भी राष्ट्र के निर्माण में मातृभाषा को नकारा नहीं जा सकता है।…

Read More

बस एक चुप सी लगी है

दिनेश कपूर Alan Cambell और Johnson,  काफी हद तक माउंटबैटन के अबुल फजल थे। हालांकि उतने करीब नहीं थे कि उसके गुसल की भी खबर लिखते। press attaché थे और अपने अंग्रेज आका की मीटिंग्स और appointments की में की गई गुफ्तगू के बारे में नोट्स लिखते और उसे दिखाते। एक तो ये dual लेखक…

Read More