पंचानन पाठक हास्य नाटक समारोह में भव्य कल्चरल सोसाइटी पंजीकृत प्रस्तुत हिंदी हास्य नाटक : अंगूर तो मीठे थे लेखक प्रेम भारती,निदेशक संजय अमन पोपली,दिनांक 5 सितंबर,21,शाम 7 बजे अक्षरा प्रेक्षागृह, आरएमएल हॉस्पिटल के साथ,नई दिल्ली।
कहानी बच्चूसिंह चौरसिया व सपना पति पत्नी हैं। इनके सामने घर में मुरालीलाल वह नीलम रहते हैं। मुरारीलाल को पीने की आदत है, इस वजह से पति-पत्नी में झगड़ा रहता है। बच्चू सिंह मनचला किस्म का इंसान है, वह नीलम पर लाइन मारता रहता है। एक दिन सपना को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने मायके जाना पड़ता है, तो उसके पीछे नीलम आ जाती है। वह कहती है कि मैं पति को दूध में नींद की गोली पिलाकर आई है, सारी रात यहीं रहेगी। बच्चू सिंह खुश होता है ,आज तो लॉटरी लग गई। मछली खुद जाल में फंस गई। लेकिन थोड़ी देर बाद नीलम स्वंय बेहोश हो जाती है। इसके बाद घर में चाचा जी, भिखारी,बीएलओ, मुरारीलाल, पुलिस व डॉक्टर का घर में आना जाना लगा रहता है और रोमांचक स्थिति पैदा होती जाती है। स्थिति तब और दिलचस्प हो जाती है, जब वहां कुछ बदमाश आ जाते हैं। उसके बाद क्या होता है? यही नाटक ‘अंगूर तो मीठे थे’ में दर्शाया गया है