प्रकाशोत्सव की बधाई बँटे हर दिल से नफरती धुँध छँटे
जिस परमपिता ने जीवन का उपहार दिया मत उसे सँहार दो प्यासी है हर आत्मा ग़र हो सके तो सबको निस्वार्थ प्यार दो आज हर तरफ हिंसा और आक्रोश का बोलबाला है, जिसने समूची मानवता को अपनी गिरफ़्त में लेकर चौपट कर दिया है। कहीं मज़हब के नाम पर बारूदी हमले हो रहे हैं, तो…