ब्रिक्स एवं एस सी ओ देशों के सम्मेलन में चारू त्यागी ने किया भारत का प्रतिनिधित्व
ब्रिक्स एवं एस सी ओ देशों के अंतर्राष्ट्रीय युवा सम्मेलन का आयोजन रूस में 4 से 9 जून तक किया गया जिसमें गंतव्य संस्थान की कोषध्यक्ष सुश्री चारु त्यागी एवम युवा सचिव सुश्री सुकृति त्यागी ने भारत की ओर से प्रतिनिधित्व किया , अन्य प्रतिभागियों में ध्वनि जैन, लक्ष्य कालरा, दक्ष गोयल, हर्ष सिन्हा,शशांक बानी…
वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं*
राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित” शिक्षक एवम साहित्यकार परिवार में जिनकी आयु साठ वर्ष हो गए या जिनकी सेवानिवृति हो गई। वे वरिष्ठ नागरिक कहलाते हैं। वरिष्ठ जन ही परिवार की नींव होती है। लेकिन आज की पीढ़ी वरिष्ठ के साथ रहना पसन्द नहीं करते। वे एकल परिवार में स्वतंत्रता के साथ रहना चाहते हैं। किसी…
जीवन का सच
अजीब है दुनिया वालों का बड़प्पन, अपने अपने ना रह जाते, कुछ गैर अपने हो जाते, मुश्किल तो तब होता है, सामने प्रेम जताते हैं और पीछे से, साजिशों के पुल बांधते हैं। जुस्तजू जिंदगी की, बस यही कहना बाकी रह गया कहते है संस्कार जिसे, उसे भी बखूबी छला गया। प्रेम कैसा श्रृंगार कैसा,…
चतुराई काम ना आयी
राजीव के सब्जी मंडी में आते ही अचानक सब्जी बेचने वालों के बीच में खलबली मच गई।काफी समय से राजीव सब्जी मंडी आता है और हर सब्जी खरीदने में कुछ ना कुछ बहस बाजी करता ही रहता है। उसे देखकर अब सब्जी वाले समझ गए हैं कि इसे कितने भी रेट बता दो वह…
विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष (11 जुलाई)
लाल बिहारी लाल । सन 1987 में विश्व की जनसंख्या 5 अरब को पार गई तभी से सारी दुनिया में जनसंख्या रोकने के लिए जागरुकता की शुरुआत के क्रम में 1987 से हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाते आ रहे हैं। आज सारी दुनिया की 90% आबादी इसके 10% भू भाग…
मैं क्या बोलूं
मैं क्या बोलूं दिल है व्याकुल, बच्चों की देखकर विकल दशा। ताला है लगा जुबां पर जैसे, लगभग दो सौ बच्चों को खोया है। मां की आंखों के बहते सागर में मेरे शब्द कहीं बह जाते हैं। खाई गहरी निर्धन व धनिक मध्य, मन जार जार कर रोता है । कुछ के पानी तक आते…
डिज़ीज़ फ़्री इँडिया
कविता मल्होत्रा शक्ति, पावर, सत्ता का, आजकल हर तरफ बोलबाला है एक दूजे से आगे निकलने की होड़, हर मन का निवाला है ✍️ ये पश्चिमी सभ्यता के गहन प्रभाव का ही परिणाम है, कि आजकल समाज में विशिष्ट दिवस मनाने का प्रचलन है, जो तथाकथित आधुनिकता की देन है।कभी मातृ दिवस कभी पितृ दिवस…
दुनिया में अलख जगाना है
जब व्यक्ति के रग-रग में, राष्ट्रीयता का रक्त बहता है. वैसे ही नागरिक का देश, दुनिया का नेतृत्व करता है. Doctor Sudhir Singh जहां का एक-एक आदमी, देशहित की ही करता बात. सबका एक ही रहता लक्ष्य, प्रत्येक व्यक्ति करे विकास. उस समृद्ध और शांत देश में, स्वर्ग का सब सुख उपलब्ध. आइए! मिलकर शपथ …