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बने विजेता वो सदा, ऐसा मुझे यकीन। आँखों में आकाश हो, पांवों तले जमीन।।
जीवन में सफल होने के लिए धैर्य रखना और अपने सपनों के लिए समर्पित रूप से कड़ी मेहनत करना महत्वपूर्ण है। जीवन में कुछ भी मुफ्त नहीं है, और इसलिए हमें जीवन में बड़ी चीजें हासिल करने के लिए अपने सभी प्रयास करने और अपनी सीमाओं को चरम तक पहुंचाने की जरूरत है। इसके अलावा,…
पर्यटन ,दर्शनीय स्थलों पर जाकर सुकून महसूस करें
मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के धार जिले के विकासखंड बाग़ के समीप लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर 5 वी -7 वी सदी में निर्मित 12 बौद्ध गुफाएं है । इनकी बनावट अजंता -एलोरा ,श्रीलंका ,बौद्ध गुफा की लगभग एक समान है । गुफाओं में मूर्तियां ,लाइट रिफ्लेक्टिंग पेंटिंग आकर्षकता का केंद्र है ।यहाँ पर…
दोहा गीतिका
जीवन में हो सादगी, ऊंचे रहे विचार सफर जिन्दगी का कठिन,नही मानना हार अच्छी चीजों को चुनो,अपनाओ सद्भाव अच्छा बनने के लिए,खुद में करो सुधार झूठ,कपट,दुर्भावना, द्वेष फेंक दो दूर अवगुण सारे त्याग दो,हो अच्छा व्यवहार संस्कार के फूल से, महके सकल जहान संचित गुण का कोष हो,गुण का हो विस्तार मोह माया अन्धियार है,करे…
सुनाते रहे
खामियां, खामियां तुम गिनाते रहे। बेवजह ही हमें, तुम सुनाते रहे।। हो हमारी ख़ता, या तुम्हारी ख़ता। हर दफा ही तुम्हें, हम मनाते रहे।। माना आवाज में मेरी जादू नहीं। गीत तेरे लिए फिर भी गाते रहे।। अंधा कानून है, सुनते हम आ रहे। न्याय अंधों से हम क्यों कराते रहे। अपने महबूब को चाँद…
रीवा की बेटी डॉ अरुणा पाठक आभा को मिला “अटल रत्न सम्मान”
लखनऊ पत्रकारों के राष्ट्रीय संगठन प्रिंट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के तत्वाधान में आजादी के 75 वी वर्षगांठ हुआ, अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में, प्रधानमंत्री राष्ट्र धर्म के पूर्व संपादक भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी के 98 जन्म दिवस के शुभ अवसर पर, दीनदयाल उपाध्याय नगर हजरतगंज लखनऊ में आयोजित, सम्मान समारोह में…
‘मीडिया और मुद्दे’ पुस्तक का विमोचन
माध्यमों में जन सरोकारों की प्रतिबद्धता आवश्यक- प्रो. रघुवंशमणि त्रिपाठी बस्ती । रविवार को प्रेस क्लब सभागार में अनुराधा प्रकाशन से प्रकाशित नीरज कुमार वर्मा ‘नीरप्रिय’ कृत ‘मीडिया और मुद्दे’ पुस्तक का विमोचन किया गया। शिव हर्ष किसान पी.जी. कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर रघुवंशमणि त्रिपाठी ने कहा कि माध्यमों का प्रभाव समाजों पर पड़ता…
नये साल का रोचक इतिहास
लाल बिहारी लाल नव वर्ष उत्सव मनाने की परंपरा 4000 वर्ष पहले बेबीलोन(मध्य ईराक) से शुरु हुई थी जो 21 मार्च को मनाया जाता था, पर रोम के शासक जुलियस सीजर ने ईसा से 45 ई. पूर्व जूलियन कैलेंडर की स्थापना विश्व में पहली बार की तब ईसा पूर्व इसके 1 साल पहले का वर्ष…
तुम्हारे आगमन से
इक तुम्हारे आगमन से खिली धरा, फैला उजास सृष्टि के कण कण में दिखता नित नया ही अब हुलास….. मन ने भँवर बांध तोड़े छोड़ बैठा हर प्रवास नव स्वप्न जीवित हो उठे दृष्टिगत है अब विभास….. प्रेम अनुभूति में भी है नवीन कल्पना का वास सब धुला व सजा है ज्यों आयोजन हो ख़ास…….
नववर्ष आ गया…….
बागों में कूके कोयल, भौरें विचर रहे हैं।बागों पे आया यौवन,कविमन खिल गए हैं।हरियाली से धरा का,सौन्दर्य बढ़ता जाए।नववर्ष आ गया है , ऋतुराज मुस्कुराए ।कलियाँ चहकती हैं,खुशियों से चमन गाये।ख्वाहिशें नई जगी है ,इरादे बदल गये हैं, ।रेतों के भी परिन्दे , हरियाली में मुस्कुराए।मंजिलों के नए सपने , अब जन्म ले रहे हैं…
साहित्यकारा सविता चढ्ढा को मिली “विद्या वाचस्पति” की मानद उपाधि
दिल्ली। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गांधीनगर, ईशीपुर, जिला भागलपुर (बिहार) द्वारा साहित्यकार सविता चडढा को इनकी सुधीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना,कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्यों तथा राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ की अनुशंसा पर विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान दिया गया है। यह सम्मान हिंदी भवन में आयोजित…