Special Article
वर्तमान परिपेक्ष्य में साहित्यकारों की भूमिका
अक्षत श्रीवास्तव हम यथार्थवादी युग में प्रवेश कर चुके हैं । कल्पनाओं में अब हम नहीं जी सकते । सभी को हकीकत का दर्शन चाहिये । हम कल्पनाओं में नहीं जी सकते । हमारी कल्पनायें भी बेरंग हो चुकी हैं । हमें यथार्थ ही चाहिए । यथार्थ याने कड़वी दवा जिसके मीठेपन में भी कसैलापन…
साहित्यकारा सविता चढ्ढा को मिली “विद्या वाचस्पति” की मानद उपाधि
दिल्ली। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गांधीनगर, ईशीपुर, जिला भागलपुर (बिहार) द्वारा साहित्यकार सविता चडढा को इनकी सुधीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना,कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्यों तथा राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ की अनुशंसा पर विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान दिया गया है। यह सम्मान हिंदी भवन में आयोजित…
युवाओं में अतिरेक भविष्य की चिंता से बिगड़ रहा वर्तमान ..!
कैसी विडम्बना है कि आज हमारा देश विज्ञान से कटता जा रहा है। हम भूल रहे हैं कि धर्म से नौकरियां पैदा नहीं हो सकतीं, नेताओं के पीछे चलकर रोजगार पैदा नहीं हो सकते। केवल विज्ञान ही तय कर सकता है हमारा भविष्य। फिर भी, हम धर्म, मजहब, मंदिर, मस्जिद, हिंदू, मुसलमान, बेकार के, फालतू…
कुरुक्षेत्र धर्मक्षेत्र कैसे बना
धर्म की उत्पत्ति का मुख्य आधार मानव जीवन से है अर्थात जब से मनुष्य की उत्पत्ति हुई है इसके साथ-साथ ही धर्म की उत्पत्ति हुई है। मानना उचित है क्योंकि धर्म मानव जीवन में ही पाया जाने वाला एक मानवीय गुण है। ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक दृष्टिकोण से धर्म की उत्पत्ति हुई है। धीरे-धीरे इनका विकास…
गुजरात माॅडल से भयभीत नेता
राजनीतिक सफरनामा : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव भाजपा के ही नेता अब गुजरात माडल से भयभीत हैं । गुजरात माडल का रंग रूप् बदल चुका है । पहले गुजरात माडल को विकास के माडल के रूप् में परोसा जाता था, इस माडल से भाजपा के नेता प्रसन्न होते थे और शेष बचे बाकी नेता भयभीत होते थे…
कतर जैसे कट्टर देशों की विश्व फुटबाल की मेजबानी देना शर्मनाक ..!
कतर में इस समय फुटबाल के विश्व कप फीफा 2022 का आयोजन हो रहा जिसके लिए बायकॉट फीफा की आवाज तेज हो रही जिससे फीफा का संगठन बेहद चिंतित है क्युकी मैचों को अपेक्षित दर्शक नही मिल रहे । आपको याद होगा ये वही कतर है जो नुपुर शर्मा मामले में घिघिया रहा था और…
विश्व एड्स दिवस ( 1 दिसंम्बर) पर विशेष
एड्स का जागरुकता ही बचाव है – लाल बिहारी लाल ++++++++++++++++++++++++++++++++++ लगातार थकान,रात को पसीना आना,लगातार डायरिया,जीभ/मूँह पर सफेद धब्बे,,सुखी खांसी,लगातार बुखार रहना आदी पर एड्स की संभावना हो सकती हैं। ++++++++++++++++++ लाल बिहारी लाल नई दिल्ली।लगभग 200-300 साल पहले इस दुनिया में मानवों में एड्स का नामोनिशान तक नही था। यह सिर्फ अफ्रीकी महादेश…
उनका मसाज कराना : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव
सभी की अपनी-अपनी किस्मत होती है, इसमें चिढ़ने की क्या जरूरत है । सत्येन्द्र जैन की किस्मत का ही कमाल है जिस जेल में उन्हें चक्की की रोटयां बनानी चाहिए उस जेल में वे मसाज कराते दिखाई दे रहे हैं । भाजपा वालों को इसमें चिढ़ क्यों हो रही है । अरे वो मंत्री हैं…
खजुराहो यात्रा: एक अविस्मरणीय दैवीय अनुभव
यात्रा……. जिसका नाम आते ही मन में अजीब सी तरंगे उसने लगती है। एक उत्साह ,एक जोश उत्पन्न हो जाता है कि लगातार एक ही तरह की दैनिक जीवन से नया कुछ हटकर देखने को, घूमने को, सीखने को मिलेगा। जहां हम स्वच्छंद होंगे , पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ शायद कुछ कम होगा। जहां…
दो किलो रोज गाली का डोज
कुशलेन्द्र श्रीवास्तव प्रधान मंत्री जी ने पूरा गणित लगाकर बता ही दिया है कि वे प्रतिदिन दो किलो गालियों का डोज लेते हैं हो सकता है कि वे इससे अधिक डोज लेते हों और उनको जानकारी मेे केवल दो किलो ही आइ्र हो । गालियों के वजन को मापने के किस यंत्र का उपयोग…