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पिता (कविता-8)
बाप के ही अंश होते राम,श्याम,कंस होते धर्म का ये भाव है की उन्हें न बिसारिए। दोनों हाथ जोड़कर गर्दनें को मोड़कर सामने से पैर छूके स्वयं को उबारिए। जहाँ कहीं आप फँसें देख चार लोग हँसे पुरखों की बात मान पिता को पुकारिए। नीति,रीति,ज्ञान लेके मान व सम्मान लेके लोकहितकारी बन पिताजी को तारिए।।…
पिता (कविता-7)
है आधारशिला उन सपनों की जिस पर यह परिवार टिका जग में सर्व प्रिय उद्भोधन है उसको हमने कहा पिता। संस्कार सहित हृदय से अपने सींच रहा परिवार का उपवन ख़ुद सहकर कष्ट सारा लगा रहा तन मन धन प्रातकाल निद्रा को त्यागें कर्मस्थली की ओर भागे कार्य स्थल में करके कार्य लोटे थका हारा…
बाबू जी की स्मृति में.. (कविता-6)
बाबू जी की याद बहुत ही आती हैं स्मृतियों की विपुल राशि संग लाती है… बचपन की धुंधली तश्वीरें जुड़ करके जीवन की आपा-धापी से मुड़ करके नयनों से चुपचाप उतर कर अन्तस् में लगता जैसे पास मुझे वह बुलाती है…. बाबू जी की याद बहुत ही आती है स्मृतियों की विपुल…
पिता को नमन और वन्दन करता हूँ (कविता 5)
जिनके मन की भाव तरंगें आसमान को छू आती थी जिनके अनुशासन की छाहै मेरी सत्य दिशा दात्री थी। जिसने मेरी अगुली पकडी और मुझे चलना सिखलाया जिसने धरती पर लिख लिख वर्णो से परिचय करवाया।। जिसने मुझको जीवन देकर मानवता का पाठ पढ़ाया अन्तर्मन में ज्योति जलाकर अन्धकार से बाहर लाया ।। सत्य निष्ठ…
कर्मस्थली पिता की (कविता-4)
एफ.आर.आई पुण्य धरा सी कर्मस्थली मेरे पिता की साध थी बहुत दिनों की देखने की उसे पास से अनुभव करने की उस जमीन के स्पर्श की जिस पर वर्षों मेरे पिता आते-जाते रहे अपने सरकारी सेवाकाल में आज जब अचानक आया मन में वहाँ जाऊँ तो बेटी के साथ कदम चल पड़े ट्रेवर रोड की…
बाबुल (कविता-3)
”कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता बड़ी ही हसरतों से, बड़ी ही हसरतों से … पाला पोसा बड़ा किया, उच्च शिक्षा दिला, आत्मनिर्भर बनाया संस्कार, तहजीव, सभ्यता सब सिखाया मुझे, किन्तु किन्तु …. अधिकार के लिए, सम्मान के लिए …. बोलना न सिखाया मुझे बड़ी ही हसरतों… पाला पोसा बड़ा किया… आज बहुत ही,…
पिता (कविता-2)
दीया में तेलशक्ति भले क्षीण हो पिता सूर्य की तरह जला है; राहें अंधियारी उबड़ खाबड़ अपनों के खातिर सदा चला है! अपनों के खातिर सदा चला है!! 🌹 तूफान के साये काले कंदर्प टूटा न उसका लोहित दर्प लहूलुहान हुआ अपनों के लिए दिल में रख बस एक तड़प! दिल में रख…
पिता…… (कविता-1)
कमाने के लिये वो दिन रात को भूल जाते हैं होते ही शाम को वो सबके लिए कुछ लाते हैं खुद सारे शौक को कुर्बान कर जाते हैं मेरे पापा हमें हर खुशियां दे जाते हैं स्कूल से जब में घर को आता हूँ वो जब घर में छुप जाते हैं मेरे ढूंढ़ने पर जब…
काशीपुर की दीपाली उपाध्याय ने जीता मिस टैलेंटेड का खिताब
काशीपुर में मोनाल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित मोनाल ब्यूटी पेजेंट 2019 में काशीपुर की दीपाली उपाध्याय को मोस्ट टैलेंटेड मॉडल उत्तराखंड के खिताब से सम्मानित किया गया। कैलिफोर्निया से आई हॉलीवुड सेलेब्रिटी गेस्ट डेम मुन्नी आयरोनी ने विजेताओं को इस खिताब से नवाजा। –मनोज जोशी
मनमोहन शर्मा ‘शरण’ की राष्ट्रपति कोविंद जी से भेंट हुई
अनुराधा प्रकाशन परिवार के लिए 07 नवम्बर 2019 का दिन विशेष रहा , प्रभु कृपा से ओतप्रोत रहा, भारत के यशस्वी राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी से मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (प्रधान संपादक) की भेंट हुई, इस भेंट के दौरान राष्ट्रपति जी का पुष्पगुच्छ तथा अंगवस्त्र द्वारा स्वागत किया गया और वार्ता का केंद्र बिन्दू…