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देश आत्‍मनिर्भरता की भावना से भरा है : पीएम मोदी

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसम्बर 2023 को ‘मन की बात’ के 108वें संस्‍करण में देशवासियों का नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं. . प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ‘विकसित भारत’ और आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत है और हमें इस भावना तथा गति को 2024 में भी बनाए रखना है. ‘मन की…

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जीवन का सार

गृहस्थी का दायित्व, कब अवसान देता है, गाड़ी-सा जीवन जिम्मेदारियों की सड़क पर, सरपट दौड़ता है, अहर्निश अविराम। स्व मनोरथ श्रम-भट्ठी में झोंकता है, स्वजनों के काम्यदान के लिए। तब प्रमोद-सरिता अविरल बहती है, परिजनों को भिगोती है अपने सुखदायी मेघपुष्प से। कर्तव्यों की वृत्ति अंततः जीर्ण बना देती है, पराश्रित बना देती है। बस…

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मोबाइल महिमा

विधा:-कुंडलियाॅं छंद मोबाइल लाया क्रांति, शुक्रिया खोज वाले। धन्य मूर्त रूप दाता, नेट जोड़़ने वाले॥ नेट जोड़़ने वाले, टीवी घडी़ कंप्यूटर। इसमें ही गैजेट, बुक टाॅर्च केलकुलेटर॥ कहें ‘लक्ष्य’समझाय, कलयुगी ज्ञान समाया। काग़ज़ कलम विहाय, क्रांति मोबाइल लाया॥ गूगल ज्ञान की पुतली, मोबाइल की शान। जानी अनजानी करे, समस्या समाधान॥ समस्या समाधान, निरख यूट्यूब उपदेश।…

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हिंदी वर्ण प्रकृति के संग

अमलतास खिला सुवर्ण सा आम बौर भर आये इमली की खटास ईख मिठास मन लुभाये उड़े परिंदे लहरा पंख ऊँचाई नील गगन छू आये ऋतु वसंत जीवन में उर्जा भर लाये | एकाग्रता से विद्याध्ययन एश्वर्यता राष्ट्र समृद्ध बनाये ओजस्वी मन सुसंस्कृति और सुज्ञान बढ़ाये अंशुमान क्षितिज पर अ: अवनि जगमगाये | कुमुदनी कनेर कंद…

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अनुभवों का नया पिटारा खोलता  नव वर्ष 2024 ..!

एक और आंग्ल वर्ष 2023 समाप्त हो चूका है और आंग्ल नव वर्ष 2024 का दस्तक हुआ है यह वर्ष राम मंदिर स्थापना और लोकसभा चुनावों की भेंट चढ़ने वाला है। उधर कुछ लोग जान बूझकर दिवाली होली  क्रिसमस का विरोध ऐसे करते हैं जैसे उन्होंने देश का ठेका ले रखा है। उत्तर भारत में…

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नये साल का रोचक इतिहास

लाल बिहारी लाल नव वर्ष उत्सव  मनाने की परंपरा 4000 वर्ष पहले बेबीलोन(मध्य ईराक) से शुरु हुई थी जो 21 मार्च को मनाया जाता था, पर रोम के शासक जुलियस सीजर ने ईसा से 45 ई. पूर्व जूलियन कैलेंडर की स्थापना विश्व में पहली बार की तब ईसा पूर्व इसके 1 साल पहले का वर्ष…

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नए साल की नई सुबह : राजनीतिक सफरनामान

                                                                                                   कुशलेन्द्र श्रीवास्तव नए कैलेण्डर के नए वर्ष के सुनहरे पन्ने पर दर्ज नए साल के भावो को अंगीकार कर सूरज की शीतल रष्मियों से आल्हादित आंगन की भोर में नया भले ही कुछ भी न हो पर मन में नएपन का उत्साह अवश्य होता है । चिड़ियों की सहक तो पुरानी ही है पर…

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साईकिल

           इलाहाबाद का नैनी इलाका कभी बंजर जमीन था जहां उपज के नाम पर कुछ भी नहीं था लोग  सब्जी तथा फूलों का व्यवसाय करके अपना घर चलाते थे।उन‌ खाली जमीनों पर करीब सत्तर के दशक में कुछ पूंजीपतियों की नजर पड़ी और उन्होंने उसे खरीदकर उनपर अपनी-अपनी फैक्ट्रियां बनानी चालू कर दीं। इससे दो फायदा…

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मसखरे

मसखरे हो चले हों लोग जहाँ के मसखरेपन में ही हो जब सिंहासन और मजाक में ही उड़ा दी जाती हों जहाँ लोगों की समस्याएं दोनों तरफ से नहीं हो किसी को भी जन-पीड़ा से कोई सरोकार की जाती हों जब मीठी-मीठी बातें दोनों छोर से और पिटवाई जाती हों उन्हीं से तालियाँ और नचाया…

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सभ्य असभ्य इसी धरती पर।

डॉक्टर चंद्रसेन भारती सभ्य असभ्य इसी धरती पर। देव धनुज रहते आऐ। रावण से सब घृना करते  राम नाम सुन हर्साऐ। धरती से ही सोना उपजे, कोयला खान नजर आए। मंथन से कोलाहल निकला, अमृत वही नजर आए। संस्कार मिलते हे घर से, गली गलियारे मिलें नहीं। कागा धन ना हरे किसी का, कोयल किसको…

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