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अनारी नारी (कविता-4)

अनारी नारी

अशिक्षा की पिटारी

बड़ी बीमारी।।

शिक्षित नारी

परिवारी जेवर

फूलों की क्यारी।।

नारी महान

देती जीवन दान

करो सम्मान।।

नारी जनक

पीढ़ियों की पोषक

छुये फ़लक।।

नारी दिवस

लड़े अधिकार को

मारे गर्भ को।।

सशक्त नारी

हर क्षेत्र पे कब्जा

तोड़ती भ्रम।।

क्रांति जगाती

भ्रांतियां झुठलाती

दिये की बाती।।

केवल बेटा

दकियानूसी सोच

गर्भ में हत्या।।

बेटी महान

छू रही आसमान

देश की शान।।

भावुक

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