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*मेरे प्यारे भैया*

रत्नों में से एक रत्न है मेरा प्यारा भैया निष्काम भाव से करता रहे सेवा वो ओ मेरे कृष्ण कन्हैया बहनों के प्यार को ,माला में पिरोकर सुंदर माला बनाई जिसकी रक्षा करता है हरपल मेरा प्यारा भाई सभी के लिए मीठी मुस्कान उनके चेहरे पर रहती इतने सरल हृदय हैं वो पावन गंगा बहती…

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हिमालय देवभूमि को सुरक्षित रखना समय की जरूरत है।

(उत्तराखंड हिमालय देवभूमि के रूप में उभरा है और यह हिंदू तीर्थयात्रा के केंद्र विकसित हुआ है मगर प्राकृतिक आपदाएं इसको विनाशक बना रही है. पिछले एक दशक में हाल की पारिस्थितिक नाजुकताओं को देखते हुए, लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ धरोहर स्थलों को सुरक्षित रखने के लिए दीर्घकालिक संकट प्रतिक्रिया तंत्र और समाधान करना…

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सवाल किससे करें?

ज़हन में कई हैं ख्याल, सवाल किससे करें? सियासत का बुरा हाल, सवाल किससे करें? करते हैं नंगा नाच, संसद में अब नेता, अपनी ही ठोंके ताल, सवाल किससे करें? सब चाहते बिरयानी, चाँदी के थाल में, ना खाएं चावल दाल, सवाल किससे करें? लूट, हत्या व डकैती, राहजनी बेख़ौफ़, सड़क पर ताण्डव कमाल, सवाल…

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“चलो तस्वीरें बनाए”

पारमिता षडगीं जिंदगी जिंदगी को बुला रही थी मेरे भीतर के खालीपन में रात भी थोड़ी थोड़ी मेरी नींद को चुराने लगी थी तुम्हारे भीतर व्याप्त रहने की इच्छा जो अनदेखी थी जो अनसुनी थी मेरे अकेलेपन के आतुर स्वर आकाश को खंड खंड कर पिघलने लगे थे आत्मा की उपत्यका में एक नदी बहने…

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माया मिली ना राम, बन गए आंदोलनजीवी !

खद्दर डाल कर ,दरी बिछाकर बिसलेरी का जल पीने वाले देश के परजीवियों को प्रधानमंत्री जी ने आंदोलन जीवी कह दिया । अखिलेश यादव भी खुद को रोक नहीं पाए और खुद को लपेटे में लेकर भाजपा को चन्दा जीवी कह दिया । आप के भगवंत मान ने तो टूल्ल होकर रक्तजीवी कह दिया और…

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गौरी की शिव वंदना

मैं हूँ गौरी तुम हो शिव ,   हर जन्म में तुम्हें पाऊँ शिव,   हर जन्म में मेरे रहो शिव ,   तुम्हारा मेरा है शिव शक्ति का रूप शिव ,   सती रूप में तुम्हें मिली शिव,   त्रियुगी नारायण में एक हुए शिव,   ब्रह्मांड में अर्द्ध नारीश्वर कहलाए शिव,   गौरी…

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भैया मान लो कि बसंत आ गया है…

भैया मान लो कि बसंत आ गया है । अब बसंत तो ऐसे ही आता है । आप को मानना है तो मानो और नहीं मानना तो मन मत मानो । बसंत कोई राजनैतिक दल की तरह तो है नहीं कि झंडा-बैनर लगाकर बताये कि देखो मैं आ गया और न ही आन्दोलकारी है कि…

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दरिया ए इश्क-इब़ादत की मुश्क

कविता मल्होत्रा प्रेम है दरिया आग का,उल्टी है इसकी धार जो उतरा सो डूब गया,जो डूब गया वो पार ✍️ अपनी दृष्टि को विस्तार देकर ही सृष्टि के आधार को समझना सँभव है, वर्ना दृष्टिकोण के अभाव में तो शिक्षित लोग भी अशिक्षितों जैसा व्यवहार करने लगते हैं। ✍️ जैसे तुम सबके वैसे ही मैं…

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प्रकृति संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है : मनमोहन शर्मा ‘शरण’

(सम्पादकीय) आप सभी को बसन्त पंचमी की हार्दिक बधाई  एवं ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का आशीर्वाद आपको प्राप्त हो, ऐसी मेरी मंगलकामना है ।             मौसम बदला, मौसम का मिजाज बदला, अब पतझड़ समाप्त और पौषे खिलखिलाने लगेंगे, सर्दी की ठिठुरन अब समाप्त सी हो गई है । मनुष्य अपने अड़ियल रवैये से बदलने…

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संयमित जीवन शैली

आज का विशेष संयमित जीवनशैली वास्तव में एक महत्वपूर्ण विषय है क्यूकि हमारी पीढ़ी कम्प्यूटर, मोबाइल, बर्गर, पिज्जा और देर रात की पार्टियों पर आधारित है – मूल रूप से ये सब अस्वास्थ्यकर है। पेशेवर प्रतिबद्धताओं और व्यक्तिगत मुद्दों ने सभी को जकड़ लिया है और इन सभी अराजकताओं के बीच वे अपना स्वास्थ्य खो…

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