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प्यासी धरती मुरझा मधुवन

प्यासी धरती तुझे पुकारे, प्यासी नदिया तुझे पुकारे,       आ रे मेघा अब तो आ रे। बादल नीलगगन पर छाते, संग आंधियों को ले आते, तेरे राजदूत बनकर वे, झूठे आश्वासन दे जाते। सूखी पोखर तुझे पुकारे, आ रे मेघा अब तो आ रे।  कोयल सूखी अमराई में,  विरह गीत गाती रहती है,  और मोरनी…

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पगड़ी का मान

तुम्हारी बहन के यहां शादी में तुम ही चले जाओ। मुझे नहीं जाना अपनी बेइज्जती कराने के लिए। पूजा अपने पति से झूंझलाकर कह रही थी। पूजा का पति नीतीश चुपचाप पूजा की बात सुन रहा था। पूजा की बात भी सही थी। क्योंकि उसकी बहन अपनी अमीरी के दंंभ में उनको बेइज्जत करती ही…

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मेरी आस

मेरी जीत भी तुम हो मेरी  हार  भी तुम हो मेरी प्रीत भी तुम हो मेरी मीत भी तुम हो मेरा एहसास भी तुम हो मेरी  प्यास  भी  तुम  हो मेरा राज भी तुम हो मेरा नाज भी तुम हो मेरे  दिल  का  साज  भी  तुम  हो मेरे अंतर्मन की आवाज भी तुम हो मेरी…

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कौन कहता है धरती पर नहीं भगवान : सीमा शर्मा

माँ के त्याग ,समर्पण , योगदान और उनके प्यार के प्रति और सम्मान सभी मातृ शक्तियों को समर्पित करते है इन पंक्तियों के साथकौन कहता है धरती पर नहीं भगवानहमे देखा है इस धरती पर देवी के रूप में है माँ”कोख में रखकर नौ महीने तकलीफ़ सहन करती है माँबाहरी दुनिया के दर्शन भी कराती…

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जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं,वे लक्ष्य बनाने वाले लोगों के लिए काम करते हैं

यदि आप अपनी योजना को सार्वजनिक कर दें, तो आप सामाजिक दबाव की वजह से उस पर अमल करने के लिए ज़्यादा समर्पित हो जाएँगे। योजना बताती है कि आदर्श परिस्थिति में क्या होना चाहिए। समीक्षा बताती है कि क्या हो रहा है और मनचाहा परिणाम पाने के लिए आपको क्या फेरबदल करना चाहिए। योजना…

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मैं शिव तो नहीं : महेंद्र शर्मा (हास्य कवि)

मैं शिव तो नहीं, जो पी जाऊं गम के हलाहल को। आंसुओं का अथाह सागर क्या कभी सूख पाएगा? कहने को सभी कहते हैं-दुख के पश्चात् सुख मिलता है, प्रत्येक रात प्रभात के समझ दम तोड़ देती है। रामायण में तुलसीदास ने लिख दिया है, ‘सब दिन होत न एक समाना। मैं नहीं मानता इस…

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मतदान का त्योहार

भारत के लोकतंत्र को मजबूत कीजिए, इतनी सी गुजारिश है मतदान कीजिए। मतदाता जागरूकता अभियान है जारी, मतदाता हो मतदान में भी भाग लीजिए। मतदान केंद्र कर रहा प्रतीक्षा आपकी, अपने मताधिकार का उपयोग कीजिए। भारत के संविधान ने अधिकार दिया है, मतदान का त्योहार है मतदान कीजिए। भारत का प्रजातंत्र विश्व भर में श्रेष्ठ…

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सेतु

“इतने सालों से हम अलग रहते आए हैं। हमारा एडजस्टमेंट नहीं होगा किसी के साथ। हम अपनी प्राइवेसी खत्म नहीं कर सकते हैं। कहां बाबूजी पुराने विचारों के, और कहां हम मॉडर्न सोसाइटी में रहने वाले लोग।” नीता समर्थ को सुना रही थी क्योंकि माँ के देहांत के पश्चात समर्थ के पिताजी उनके साथ रहने…

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कॉफी की खोज : लक्ष्मी कानोडिया

       कॉफी का एक कप हमें ताजगी, स्फूर्ति और शक्ति देता है। यह खुशबूदार सुगंध मेरा दिन बना देती है। कॉफी एक गर्म और ठंडा पेय पदार्थ है और इससे जिनमें किसी भी समय लिया जा सकता है। इसमें कैफीन काफी मात्रा में पाया जाता है।        सुबह आराम करते हुए जब मैंने कॉपी भी…

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भीमराव आंबेडकर

भीमराव महान, बने संविधान निर्माता। जनक संविधान के, देश भाग्यविधाता। दिया गणराज्य हमें, नया भारतबनाया। बने सर्वेसर्वा हम, नया कानून बनाया।। स्त्री पुरुष में भेद नहीं, सम अधिकार दिलाया । दी समानता की शिक्षा, ज्ञान प्रकाश फैलाया। दलित, शोषित,पिछड़ों खातिर जी जान लगाई। एकता का पाठ पढ़ाया ,नई पहचान कराई।। “शिक्षा” शेरनी का दूध, जो…

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