सभी रचनायें
२१वीं सदी में विश्व में हिंदी भाषा की स्वीकृति
#hindi #hindibhasha 21वीं सदी में हिंदी भाषा का महत्व और स्वीकृति विश्वभर में बढ़ रहा है। यह भाषा न केवल भारतीय उपमहाद्वीप में, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना रही है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे 21वीं सदी में हिंदी भाषा को विश्वस्तरीय स्तर पर स्वीकृति मिल रही है। हिंदी भाषा…
जीवन का सार
गृहस्थी का दायित्व, कब अवसान देता है, गाड़ी-सा जीवन जिम्मेदारियों की सड़क पर, सरपट दौड़ता है, अहर्निश अविराम। स्व मनोरथ श्रम-भट्ठी में झोंकता है, स्वजनों के काम्यदान के लिए। तब प्रमोद-सरिता अविरल बहती है, परिजनों को भिगोती है अपने सुखदायी मेघपुष्प से। कर्तव्यों की वृत्ति अंततः जीर्ण बना देती है, पराश्रित बना देती है। बस…
हिंदी वर्ण प्रकृति के संग
अमलतास खिला सुवर्ण सा आम बौर भर आये इमली की खटास ईख मिठास मन लुभाये उड़े परिंदे लहरा पंख ऊँचाई नील गगन छू आये ऋतु वसंत जीवन में उर्जा भर लाये | एकाग्रता से विद्याध्ययन एश्वर्यता राष्ट्र समृद्ध बनाये ओजस्वी मन सुसंस्कृति और सुज्ञान बढ़ाये अंशुमान क्षितिज पर अ: अवनि जगमगाये | कुमुदनी कनेर कंद…
नए साल की नई सुबह : राजनीतिक सफरनामान
कुशलेन्द्र श्रीवास्तव नए कैलेण्डर के नए वर्ष के सुनहरे पन्ने पर दर्ज नए साल के भावो को अंगीकार कर सूरज की शीतल रष्मियों से आल्हादित आंगन की भोर में नया भले ही कुछ भी न हो पर मन में नएपन का उत्साह अवश्य होता है । चिड़ियों की सहक तो पुरानी ही है पर…
सभ्य असभ्य इसी धरती पर।
डॉक्टर चंद्रसेन भारती सभ्य असभ्य इसी धरती पर। देव धनुज रहते आऐ। रावण से सब घृना करते राम नाम सुन हर्साऐ। धरती से ही सोना उपजे, कोयला खान नजर आए। मंथन से कोलाहल निकला, अमृत वही नजर आए। संस्कार मिलते हे घर से, गली गलियारे मिलें नहीं। कागा धन ना हरे किसी का, कोयल किसको…
सत्य की खोज : आशा सहाय
दिनांक– बारह दिसम्बर दो हजार तेइस।–नवभारत टाइम्स मे 'द स्पीकिंग ट्री' के अन्तर्गत श्री जे. कृष्णमूर्ति के कुछ विचार पढ़े जिन्होंने मुझे सोचने को प्रेरित करते हुए बहुत हद तक सहमत होने पर विवश किया। उनके विचार सत्य की खोज पर आधारित थे । उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि सत्य की खोज…
कला-संस्कृति,साहित्य और सामाजिक सरोकारों को समर्पित सविता चड्ढा जन सेवा समिति ने दिए चार सम्मान
हीरों में हीरा सम्मानश्री प्रसून लतांत साहित्यकार सम्मानडॉ संजीव कुमार शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मानश्रीमती शाहाना परवीन गीतकारश्री सम्मानश्रीमती रंजना मजूमदार सविता चड्ढा जन सेवा समिति, दिल्ली द्वारा हिन्दी भवन में चार महत्वपूर्ण सम्मान प्रदान किए गए । अपनी बेटी की याद में शुरू किए सम्मानों में, अति महत्वपूर्ण “हीरों में हीरा सम्मान” इस बार गांधीवादी…
उथल-पुथल से भरपूर रहा पखवाड़ा
राजनीतिक सफरनामा : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव यह पखवाड़ा बहुतउथल-पुथल वाला रहा । चुनाव भी निपटे और बहुत सारे बड़े कहे जाने वाले नेता भी निपट गए । वे चुनाव जीतकर निपट गए और बुछ चुनाव हार कर निपट गए । पर सबसे पहले तो भारत के लोकतंत्र के मंदिर में अनायास घुसने वाले तथाकथितों की कहानी…
बाल बहार, (कविता) दिवाली की छुट्टियां
दीपावली त्यौहार का,अनुपम अपना ढंग। बच्चे मनाते हैं खुशी से, घरवालों के संग॥ घरवालों के संग, मजा तब दुगुना हो जाता। होते जब मित्रों संग, फुलझड़ी स्वयं चलाता॥ रहा इंतजार महीनों से, अवसर कब आयेगा। दिया रावण दहन संदेश, मास अगले आयेगा॥ हम दिन गिन रहे थे रोज,माह कार्तिक का आया। तब अमावस्या से पूर्व,…