पिछले साल दूसरे चरण के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित होने के बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की घर वापसी की सारी तैयारी हो गई है। इस बार मुंबई के तीन स्टेडियमों के अलावा पुणे में आइपीएल का लीग चरण खेला जाएगा। 10 टीमों के साथ आइपीएल स्वदेश में अपना रंग बिखेरने के लिए तैयार है। इस बार लखनऊ सुपरजाइंट्स और गुजरात टाइटंस के रूप में दो नई टीमें आइपीएल में पदार्पण करेंगी। हालांकि, इस सत्र का पहला मैच शनिवार को वानखेड़े स्टेडियम में मौजूदा चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) और पिछले साल की उप विजेता कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के बीच खेला जाएगा। इस साल आस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप खेला जाना है और ऐसे में आइपीएल कुछ भारतीय खिलाड़ियों का भाग्य भी तय करेगा।
पिच क्यूरेटर के लिए चुनौती : बीसीसीआइ को साल 2021 में कड़ा सबक मिला, जब उसे कोविड-19 महामारी फैलने के कारण बीच में टूर्नामेंट स्थगित करना पड़ा और बाद में उसे यूएई में पूरा करना पड़ा था। इसे ध्यान में रखते हुए इस समय लीग चरण के मैच मुंबई और पुणे के तीन स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे, ताकि हवाई यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़े। ऐसे में पिच क्यूरेटर के लिए दो महीने तक पिचों को जीवंत बनाए रखना चुनौती होगी, लेकिन टूर्नामेंट में बड़े स्कोर बनने की पूरी संभावना है।
मुंबई के लिए घर का फायदा : मुंबई इंडियंस की टीम अपने घरेलू मैदान पर खेलेगी, लेकिन उसके कप्तान रोहित शर्मा स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें इसका कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा। सूर्यकुमार यादव, कीरोन पोलार्ड, जसप्रीत बुमराह और इशान किशन जैस खिलाड़ी हालांकि अनुकूल परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाना चाहेंगे।
क्या बदलेगा आरसीबी का भाग्य : रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) में सभी निगाहें विराट कोहली पर टिकी रहेंगी, जिन्होंने कप्तानी छोड़ दी है। लंबे समय तक सीएसके से जुड़े रहे फाफ डुप्लेसिस को आरसीबी की कप्तानी सौंपी गई है। आरसीबी अभी तक एक बार भी आइपीएल खिताब नहीं जीत पाई है। अब देखना होगा कि उनकी अगुआई में टीम का भाग्य बदलता है या नहीं।