डॉक्टर सुधीर सिंह
‘बापू’तेरी जैसी संतान पाकर,
भारत माता धन्य हो गई थी.
आज भी वैसी संतान के लिए,
व्याकुल हो रही है माँ भारती!
विषमता से भरे इस समाज में,
देशभक्तों की बहुत ही कमी है.
परेशान भारत माता कहती है,
कोईअब महात्मा गांधी नहीं है.
बापू! ईमानदारी की पूछ नहीं,
दिव्य-दृष्टि से तुम जरा देख ले.
गोरखधंधेवाजों व बाहुबली से,
पीड़ित देश की दुर्दशा भांप ले.
तेराआजाद महान भारत आज;
गरीबी व बेरोजगारी से त्रस्त है.
सब सुख-सुविधा है उनके पास,
जिनके हाथ में शासन-सूत्र है।