ये जो इस बार 2025 की दिवाली है
बहुत ही खुशगवार और निराली है
खूब मज़बूत हो आपसी प्यार और भरोसा
उसी से ज़िंदगी गुलज़ार और खुशहाली है
प्रदूषण और पटाखों का असहनीय शोर
करे है सांसों की डोर को कमज़ोर
टा – टा बाय बाय कहो उसको नो मोर
फ़िर, चिंता की दरकार ही क्या हमें
हर तरफ़ दिखे सुकून और हरियाली है
आओ, इस दिवाली छोड़ें हंसी की फुलझडियां
और, ख़ुशी – ख़ुशी उड़ाएं ठहाकों के पटाखे
देश में अपने उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम
हर जुबान पर प्यार मुहब्बत की बोली हो
हर दरवाज़े आंगन – चौबारे,शाम – सहर
खुशियों की चमकती रंगोली हो !!
*सत्येंद्र प्रसाद सिंह,* नागपुर
9422803922, 7083262806
