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दरवाजे पर दस्तक देता कोरोना

राजनीतिक सफरनामा

दरवाजे पर दस्तक देता कोरोना

कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

कोरोना की फिर से वापिसी हो गई है । देश के कई राज्यों में कोरोना के मरीज मिलने शुरू हो गए हैं इनमें मध्यप्रदेश भी शामिल है । इदौर में कोरोना के मरीज मिले हें जिनमें एक मरीज तो अहमदाबाद से आया है ऐसा माना जा रहा है कि उसे यात्रा के दौरान ही कोरोना हुआ है हांलाकि अभी जांच चल रही है परंतु मरीज का मिलना डरावना है । दिल्ली से लेकर महाराष्ट में भी कोरोना के मरीज मिले हें । महाराष्ट में तो दो सौ से अधिक मरीज अब तक जांच में पाजेटिव पाए गए हैं वहीं दिल्ली में भी मरीजों की जांच चल रही हक्ै । कोविड 19 से संक्रमित इन मरीजों ने एक बार फिर दहशत पैदा कर दी है । आम लोग अभी 2020 और 2021 की कोराना महामारी को भूल नहीं पाए हैं जिसमें न केवल लाखों जाने गई हैं वरन लाखों लोग परेशान भी हुए हैं । उन दिनों का डरवाना सच सामने आ ही जाता है जब लाकडाउन से बेहाल और कोरोना पाजेटिव मरीजों से भरे अस्पताल ने आम जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था । लगागतार दो साल भारत सहित विश्व के अनेक देश इस से प्रभावित रहे थे और जीवन जैसा थम सा गया था । अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं बची थी और आक्सीजन गैस सिलेण्डर को लेकर मारामारी मची हुई थी । जिन्होने भी इस महामारी को भोगा है और नुकसान उठाया है उनकी आंखों के सामने आज भी वो नजारा साफ दिखाई देता है । मृत व्यक्तियों को जलाने की जगह नहीं थी और कांधा देने वाला भी कोई नहीं था । वहीं लाकडाउन के चलते आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हुई थी उससे आज भी आम व्यक्ति उबर नहीं पाया है । तो क्या अब फिर कोरोना एक बार फिर अपना असर दिखाने वाला है । जिस ढंग से एक सप्ताह में करोनो पाजेटिव मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, उससे शंका कराना और भयभीत होना तो जायज है । सरकार भी अब जाग्रत होती जा रही है और सामान्य निर्देशों को जारी भी कर चुकी है पर इतना ही काफी नहीं हैं । आम व्यक्तियों को ख्ुद भी सतर्कता बरतनी होगी । हमने वो दिन भी देखें हैं तजब यकायक लाकडाउन लग गया था और लोगों को अपने घर लौटने के लिए पदयात्रा करनी पड़ी थी । तो हमारे सामने सावधानी का पूरा चार्ट होना ही चाहिए । सरकार तो अपने ढंग से कोरोना से निपठने की तैयारी कर ही रही है पर वो तैयारी तब ही सफल हो पाएगी जब आम व्यक्ति भी सावधानी बरतेगा । मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों का मिलना भी प्रदेशवायिं के लिए अच्छी खबर नहीं है । विगत में भी इंदौर में ही सबसे पहले कोरोना मरीज मेले थे । इंदौर पूरे देश के पटल से जुड़ा है और प्रतिदिन यहां हजरों यात्री देश के विीन्न अंचलों से आते हें । यात्रा के दौरान पाजेटिव होने वाले मरीजो से अन्य लोगों में कोरोना फैलने के चांस सबसे अधिक होते हैं  लाकडाउन इस कारण से ही लगाया जाता है ताकि दूसरे जगह के लोग न आ पायें । इंदौर के बाद भोपाल भी महानगर हैं जहां आने-जाने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है । प्रदेश् के लिए बहुत आवश्यक है कि आमजन सतर्कता बरतें और प्रशासन भी कड़ाई से इसका पालन कराये । अभी करोने मरीजों की संख्या भले ही कम हो पर इसको बढ़ने में अधिक समय नहीं लगता । यदि हम कम मरीजों को कंटोल कर लें और अपनी सावधानी बढ़ा दें तो संभवतः इस महामारी से बचाव हो सकता है ।

कितना सुखद है इस बात को महसूस करते हुए कि हम जिस देश््रा में रहते हैं वह देश विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था के दायरे में आता है । कोराना महामारी के बाद लगतार गिर रही जीडीपी को पटरी पर लाना और अर्थव्यवस्था काम मजबूती देना सरल कार्य तो नहीं था । पर भारत ने ऐसा करके इतिहास रच दिया और हर एक भारतवासी को गर्वोन्मुक्त होने का अवसर दे दिया । नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रहम्ण्यम ने विगत दिनों आयोजित हुई नीति आयोग की बैठक में इसकी जानकारी दी । इसके पहले भारत जापान से पीछे था पर आज जापान भारत से पीछे हो गया है । जापान को अर्थव्यस्था के मामले में प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त रहा है । अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के नवीन आंक़ड़ों के अनुसार भारत 4000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बन चुका है । अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वल्उ आएट की इस वर्ष् की रिपोर्ट के अनुसार 2026 में भारत की जीडीपी लगभग 4,187 अरब डालर हो जाएगी । वहीं जापान की जीडीपी की अनुमानित रूप् से 4,186 अरब उालर रहने की संभावना है । भारत 2024 तक विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था । अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि भारत 2025 और 2026 में क्रमशःइ 6.2 प्रतिशत और 6.3 प्रतिशत की दर से विकास करेगा । इसके विपरीत वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 2025 में 2.8 प्रतिशत और 2026 में 3 प्रतिशत रहने की संभावना है । अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी किए गए ये आसंकड़े भारत में तेजी से बढ़ते अर्थव्यवस्था को रेखांकित करते हैं । विश्व पटल पर अमेरिका, चीन और जर्मनी की अर्थव्यवस्था भारत से आगे है । यदि अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष की संभावना सच साबित होती है तजो भारत जर्मनी को भी पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर आ सकता है । हर एक भारतवासियों के लिए यह प्रसन्नता की ही बात है । इसलिए भी कि हाल ही में अमंरिका के नए राष्टपति टंप ने जिस ढंग से ट्रेफिक लगाया उससे कई देश प्रभावित हुए पर भारत ने इसका असर अपने उपर नहीं पड़ने दिया । अमंरिकी राष्टपति ने जिस तरह से एप्पल को भारत में निवेश करने से कठोर भाषा में रोका वह भी अमेंरिका की झुझलाहट के रूप में समझा जा सकता है । विश्व के आगे बढ़ते देश जानते हैं कि भारत की जीडीपी की दर साल दर साल बढ़ रही है जबकि कई देश कोरोना महामारी के बाद अपने जीडीपी की दर को बढ़ा पाने में सफल नही हो पाए हैं  । कोराना महामारी में भारत जनसंख्या के हिसाब से बसे अधिक प्रभावित रहा है महिनों लाकडाउन की मार को झेला है । मजूदरों के अभाव में मिलों में काम बंद हो गया था जो महिनों तक इसी स्थिति में रहा । लगातार दो वर्ष भारत में लाकडाउन लगा जिससे सारे कामकाज प्रभावित हुए । बावजूद इसके भारत ने अपनी जीडीपी को लगातार आगे लाने का प्रयास किया और केन्द्र सरकार की सफल नीतियों ने भारत के विकास को गति प्रदान की और आम लोगों को गिरती अर्थव्यवस्था से उबरने का अवसर प्रदान किया । मध्य प्रदेश में लवजिहाद की घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है वहीं महिला उत्पीड़न की घटनाएं भी सामने आ रहीं हैं । यह दुखद स्थिति है । हाल ही में खंडवा में एक अधेड़ महिला के साथ हुए दुष्कर्म की घटना ने बहु चर्चित निर्भयाकांड की याद दिला दी । जिस बेरहमी के साथ महिला के साथ दरदिंगी की गई वह रोंगटे खड़ी करने वाली है । इसके पूर्व इंदौर में लवजिहाद का प्रकरण सामने आया है । शूटिंग कोच चलाने वाला एक विशेष समुदाय का व्यक्ति कोचिंग के बहाने लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें कर रहा था । इतना ही नहीं वह उनके वीडियो भी बना लेता था जिसके आधार पर वह उन्हें ब्लेक मेल करता रहता था । घटना के सामने आने के बाद की गई छानबीन में उसके पास सौ से अधिक ऐसे वीडियो मिलने की बात सामने आ रही है । जाहिर है कि घटना के सामने आने के बाद हिन्दुवादी संगठनों ने कड़ी कार्यवाही की मांग की है और पुलिस प्रशासन भी बारीकी से जांच पड़ताल कर रहा है । लम्बे समय से चल रहे इस गोरख धंधे में और कितने लोग शामिल हैं यह भी जांच का विषय है । पर इस घटना ने एक बार फिर अभिभावकों के माथेपर चिन्ता की लकीरें खींच ही दी हैं । लव जिहाद को एक सुनियोजित मजहबी साजिश के रूप् में देखा जाने लगा है । यह अलग रह का आतंकवाद है जिसमें हिन्दु युवतियों को प्यार के जाल में फंसाकर उनका शोषण किया जाता है । भोपाल के एक कसलेज की करीब 64 छात्राओं के साथ भी ऐसी ही घटना सामने आई थी जिसकी जांच अभी चल ही रही है । बताया जाता है कि यहां लवजिहाद को अंजाम देने वाले आरेपी की बहिन उसकी मदद करती थी और वह भी लड़कियों को ब्लेकमेल करती थी । हो सकता है कि यह आंकड़ा और भी बड़ा हो क्योंकि कई बारे हमारे सामाजिक ताना-बाना के चलते परिवार ऐसी घटनाओं को दबाने की ही कोशिश करते हैं । भोपाल के एक कालेज की छात्रा को प्रेम के जाल में फंसाया गया । उसे प्यार के बहाने उसके साथ अतरंग सबंध बनाण् गए और उसकी वीडियो रिकार्डिंंग की गई । इस वीडियो रिकार्डिंग का भय दिखाकर उसे ब्लेकमेल किया गया । उस छात्रा को दूसरी अन्या छात्राओं को फंसाया गया, फिर उसकी भी ऐसी ही वीडियो रिकार्डिंंग बनाई गई और उन्हें भी ब्लेकमेल किया गया । इस पूरे कांड में उस युवक का साथ उसके परिवार के लोगों ने भी दिया । उसकी बहिनों के अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे । इस कारण से ही इसे भी सोचा समझा षडयंत्र माना जा रहा है । मध्यप्रदेश में भोपाल के साथ ही साथ इंदौर में भी लव जिहाद की घटनाएं सामने आ रही हैं । हाल ही में सागर में भी शादी के एक दिन पहले ही एक युवति अपने प्रमी के साथ भाग गई थी जिसे ग्वालियर में पकड़ा गया था, यह घटना भी लवजिहाद से जोड़कर देखी गई है । यह सोचनीय स्थिति है क्योंकि ये तो महानगर हैं पर इसके अलावा प्रदेश््रा के कई जिलों में भी ऐसी घटनायें सामने आती रही हैं । कई घटनायें सामने आ नहीं पा रही हैं । निश्चित ही भोपाल और इंदौर की घटना के बाद प्रदेश की पुलिस को पूरे प्रदेश में एक मुहिम चलाकर ऐसी घटनाओं के विरूद्ध कड़े कदम उठाने आवश्यक है । माना जाता है कि यह एक गिरोह है जो योजना बनाकर काम करता है और हिन्दु युवतियों को प्रेमजाल में फंसाता है । इसके तार गहरे जुड़े होगें । पर इसकी विवेचना तो आवश्यक है ही । भोपाल, इंदौर जैसे महानगरों में उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के छोटे-छोटे शहरों से गा्रमीण क्षत्रों से युवक-युवतियां पढ़ने आती है जो स्वतंत्र रूप् से रहती भी हें इन्हें को अपने जाल में फंसाना ज्यादा सहज और सरल समझा जा सकता है । भोपाल और इंदौर कांड के सामने आने के बाद पुलिस की भूमिका अब ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है । प्रदेश के हर जिले में मंहिम चलाकर ऐसे प्रकरणों की विवेचना की जानी आवश्यक है । वैसे इसमें अभिभवकों की भूमिका भी अब जागृति, सजग और क्रियाशील वाली होनी चाहिए । उन्हें अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए और जरा सा भी संदेह होने पर जांच करनी चाहिए । केवल पुलिस प्रशासन के भरोसे रहने की बजाए स्वय की जाग्रति महत्वपूर्ण हो सकती है ।

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