राजनीतिक सफरनामा
शर्मनाक……घृणित, कायराना हमला……निःशब्द और मौन रहकर केवल उनके प्रति भावांजलि है जिनको हमने खो दिया है, ओह क्या कसूर था उनका वे तो अपने परिवार के साथ प्रकृति के अनूठे सौन्दर्य को निहारने गए थे….तुमने उनको अकारण मार दिया, धर्म की आड़ लेकर मार दिया उनके परिवार के सामने उन पर गोलियां बरसा दीं सच में कायर हो तुम….पर धन रखना तुमने हमारे अंदर एक तूफान पैदा कर दिया है और तूफान हमेशा ही बरबादी लेकर आता है तो अब अपनी बरबादी के लिए तैयार हो जाओ पोषित आतंकवादियों और इनका पोषण करने वालो…….देश अब बख्शेगा का नहीं । पाकिस्तान को तो वैसे भी जम्मू-कश्मीर की खुशहाली चिढ़ा रही है, उनका अपना देश बरबादी की कगार पर है और हमारे देश का मुकुट कश्मीर खुशहाली की राह पर है तो दर्द हो रहा होगा । वर्ष 2020 में धारा 370 हटने के बाद से यह राज्य विकास के मार्ग पर ऐसे आगे बढ़ा कि उसके सामने आने वाले सारे अवरोध अपने आप दूर होते चले गए । केन्द्र सरकार की संकल्प शक्ति ने पत्थर फेंकने वाले हाथों में किताबें थमा दीं और बेरोजगारों को रोजगार देकर वतन पर मर मिटने की इबारत सिखा दी । मौनपड़ी वादियां महकने लगीं और सुनसान पड़ी डल झाल में फिर से नौकाऐं चलने लगीं । लोगों को ओठों पर मुसकुराहट दिखाई देने लगी और हर वाशिन्दा बेखौफ यहां की सढ़कों पर विचरण करने लगा, क्या यह ही बौखलाहट निकल रही है इनकी । कश्मीर की सूनी पड़ा वादियों में पर्यटकों की चहचहाट सुनाई देने लगी और मायूस पड़े व्यापरियों के चेहरों पर चमक दिखाई देने लगी । वहां का व्यापार लगभग आठ हजार करोड़ का है ं । पर्यटक आयेगें तो आर्थिक तंगी दूर होगी और आर्थिक तंगी दूर होगी तो चेहरे पर प्रसन्नता की झलक दिखाई देने लगी ये कश्मीर के मुस्लिम हैं जो इस बदलाव से खुश हुए हैं । यह प्रसन्नता उनको ही नहीं भा रही है जो कभी कश्मीर की खुशहाल नहीं है कहकर भारत को कठघरे में खड़ा करते थे । पर अब तो वहां खुशहाली हो चुकी है फिर चिढ़ क्यों । तुम र्प्यटकों को निशना बनाया, बकसूरों पर गोलियां बरसाई । ऐसा तो पहलीबार हुआ है कि निर्दोष पर्यटक निशाने पर आए है । चालीस पर्यटक थे जिन्हें घेरा बनाकर खड़ा कर दिया गया, उनसे नाम पूछा, उनसे धर्म पूछा और फिर बरसा दी गोलियां । महिलाओं ने कहा भी कि हमें भी मार दो तो आतंकियों ने कह दिया ‘‘नहीं तुम्हें नहीं मारेगें, तुम जाओ और यह सब नरेन्द्र मोदी को बताओ’’ । कितना खौफ है नरेन्द्र मोदी का, यह भी स्पष्ट हो गया । केन्द्र सरकार ने संकल्प लिया ही है कि आतंकवाद को मिटा कर रहेगें । तो अब समय आ गया है आतंकवाद के खात्मे का । इजरायल ने भी तो यही किया था, जब हमास के आतंकवादियों ने इजरायल में घुसकर वहां के नागरिकों को मौत के घाट उतारा तो इजरायल ने फिलीस्तीन के अंदर घुसकर हमास के ठिकानों पर हमला कर दिया । भारत ने भी पाकिस्तान के अंदर घुसकर मारा था आतंकवादियों को, भूल गए होगें, फिर से याद दिलाने के लिए फिर से घर में घुसना होगा । गृहमंत्री अमितशाह तो रातों रात पहुंच गए कश्मीर और प्रारंभ कर दी तैयारी अब इन आतंकवादियों के अंतिम खात्मे की । पूरे विश्व ने निंदा की है इस कारयराना हमले की , तो विश्व को भी एक मंच पर आना चाहिए आतंकवाद के खिलाफ, संगठित होगें तो आतंकवाद खत्म होगा । वैसे तो भारत अपनी सुरक्षा करना सीख गया है और अब वह कड़े कदम उठायेगा भी । पहलगाम की घटना के बाद भारत का रूख कड़ा हुआ है । होना भी था बल्कि और भी पहले हो जाना चाहिए था । जिस तरह से पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों ने निरीह पर्यटकों पर उनके परिवार के सामने गोली मारी वह निर्दयता और निष्ठुरता की हदें पार कर चुका है । बेगुनाहों के खून से अपने रंगे हाथों के सामने फैलकर भीख मांगोगे तो अब वह भी नहीं मिलगी । भारत ने सदैव अपने पड़ोसी धर्म का पालन किया है और यही कारण है कि भारत ने कभी जलसिंधु समझौता को यह सोचकर नहीं तोड़ा कि इससे सरकार नहीं बल्कि वहां के बाशिन्दे परेशान होंगे, पर वहां के वाशिन्दे भी अब भारत विरोधी हरकतें करने लगे हैं तो अब भारत क्यों उनकी चिन्ता करेगा । वैसे भी पहलगाम की घटना के बाद भारत मं गुस्सा दिखाई दे रहा है, हर भारतीय भारत विरोधी पाक की मुहिम के खिलाफ खड़ा दिखाई दे रहा है । इस गुस्से ने जातीय, संप्रदाय, राजनीतिक दलों की दूरियों को खत्म कर दिया है ‘‘हम सब एक साथ हैं’’ की मानसिकता के साथ सभी पाक के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं । पाक को सबक सिखाया ही जाना चाहिए तो भारत सरकार ने बहुत ठोस कदम उठाकर पूरे विश्व को यह बता दिया है कि भारत अब न तो शांत बैठने वाला है और न चुप रहने वाला है । भारत सरकार ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को भी निलबंति कर दिया है । यह पाकिस्तान के लिए भारी पड़ने वाला है क्योंकि पाकिस्तान के पास सिंचाई के लिए पानी की लगभग 80 प्रतिशत आपूर्ति सिंधु नदी के पानी से ही होती है । भारत अब पानी नहीं देगा तो वहां की सिंचाई के साथ ही साथ पेयजल की पूर्ति भी बाधित होने वाली है । अब पाक नागरिकों को अपनी ही सरकार से आतंकवाद पर सवाल करना चाहिए और अपनी बरबादी के लिए अपनी सरकार को जिम्मेदार भी मान लेना चाहिए । भारत ने अटारी बार्डर को भी बंद कर दिया है अब कोई पाकिस्तानी भारत में नहीं आ पायेगा । फिलहाल यहां जो हें उनके वीजा भी कैंसिल कर दिए गए हैं और उनको 48 घंटों में भारत छोड़ने को बोल दिया गया है । अटारी बार्डर भारत और पाकिस्तान के बीच एक मात्र सड़क मार्ग था जो अब बंद कर दिया गया है। भारत सरकार ने कूटनीतिक हमला करते हुए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चयोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना,वायु सेना के सलाहकारों को अवांछित घोषित करते हुए उन्हें भारत छोड़ने को बोल दिया है वहीं पाकिस्तान स्थित भारत के उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना, वायु सेना सलाहकारों को भी वापिस बुला लिया है । भारत का रूख बहुत कठोर है और कूटनीति से युक्त भी है । वैसे भी विश्व के हर देश ने पहलगाम में हुई आतंकवाद की घटना की निंदा की ह, इनमें मुस्लिम देश भी शसमिल हैं, ै ऐसे में विश्व पटल पर पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है । विश्व के दो प्रमुख देश अमेरिका और रूस ने भारत के साथ खड़े रहने की बात कहकर विश्व पटल पर भारत की मजबूत स्थिति को व्यक्त कर दिया है । भारत सरकार अब आरपार की लड़ाई के मूड में है और उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों में और भी कुछ देखने को मिलेगा । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस्लामिक आतंकी हमले ने हिन्दुओं पर सामुदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर नए विमर्श को जनम दे दिया है । विगत कुछ दिनो ंसे बंगलादेश से लेकर पश्चिमबंगाल में ळी हिन्दुओं के खिलाफ सामूहिक हिंसा की घटनायें सामने आ चुकी हैं और इन दोनों जगह इस्लामिक आतंकवाद ही प्रमुख रहा है । जम्मू-कश्मीर में भी वही इस्लामिक आतंकवाद ने शर्मनाक घटना की और धर्म पूछकर केवल हिन्दुओं को गोली मारी गई । भारत के पड़ोसी देश जिसमें पाकिस्तान तो है ही , इसके अलावा बंगलादेश और अफगानिस्तान भी शामिल है जहां हिन्दुओं को ही निशाना बनाया जा रहा है । इसमें पाकिस्तान में हिन्दुओं के ऊपर होने वाली हिंसा की दास्ता बहुत पुरानी है । वहां हिन्दुओं को वैसे जुल्म का शिकार होते रहना पड़ रहा है वहीं बंगालदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिन्दु इस्लामिक आतंकवाद के निशाने पर आए वहीं अफगानिस्तान में भी सत्ता परिवर्तन के बाद हिन्दु ने जुल्म सहन किए हैं वहां हिन्दु आबादी बहत कम हो गई है । यह केन्द्र सरकार के लिए चिन्ता की बात है । भारत इस तरह के इस्लामिक आतंकवाद से हमेशा ही पीड़ित रहा है । हाल ही कुछ वर्षों में राजनीतिक कारणों और कुछ फैसलों से देश में सामूहिक हिंसा, प्रदर्शन और पत्थरबाजी की घटनाओं में वृद्धि हुई है । पहलगाम की घटना को भी इस्लामिक आतंकवाद की दृष्टि से देखा जाना चाहिए । इस घटना में पहलीबार ऐसा हुआ है कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली मारी है और जिनको गोली मारी गई वे केवल पर्यटक ही थे जिनका किसी से कोई लेना देना था ही नहीं । 26 लोगों की मौत ने पूरे देश को झुंझलाकर और आक्रोशित करके रख दिया है । ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस घटना के कुछ ही दिनों पूर्व पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल कियानी द्वारा दिया गया एक बयान है जिसमें वे हिन्दुओं के खिलाफ भड़काते सुनाई दे रहे थे । हिन्दुओं को निशाना बनाकर मुसलमानों के मसीहा बनने की काल्पनिक ख्याल पालकर नफरत के बीज बोये जा रहे हैं । यह वह राज्य जहां अब ऐसा माना जा रहा था कि यहां से आतंकवाद समाप्त होने की कगार पर है । वहां स्थित भारतीय सेना ने पूरे राज्य में सघन चैकिग अभियान चलाकार आतंकवादियों को उनके मंसूबे पूरे करने से रोका और चुन-चुकर आतंकियों को मारा । कश्मीर की वादियों तनावमुक्त होकर मुस्कुराने लगी थीं औ वहां का सुस्त पड़ा पर्यटन उद्योग पर्यटकों के चहल पहल से नई इबारत लिखने लगा था । कोराना काल की महामारी के बाद और धारा 370 हटाये जाने के बाद इस राज्य की व्यवस्था और विकास ने नए आयाम छुए हैं । सेना की चौकन्नी निगाहों और आतंकवाद के पस्त पड़ते कदमों से पर्यटक भी उत्साहित हुए और वे प्रकृति की इन खुशनुमा वादियों में तफरीह करने लगे । पहलगाम की जिस वादी में घटना हुए वह भी इस क्षेत्र की बहुत सुन्दर , प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर स्थान ही है । पर्यटक यहां बगेर किसी भय के घूम रहे थे और सौन्दर्य को निहार रहे थे । ठलामिक आतंकवाद किसी को प्रसन्न होते नहीं देख सकता खासकर हिन्दुओं को, उन्हें कश््रमीर के विकास और वहां के नागरिकों की उन्नति ही चुभने लगी थी तो नरसंहार कर दिया । भारत तो इसका जबाव देगा ही पर इससे सबसे अधिक नुकसान वहां के रहवासियों को ही होना है । र्प्यटक अब वहां घूमने आने में संकोच करेगें तो वहां के व्यापारी और पर्यटन के व्यवसाय से लाभ लेने वाले सैंकड़ो लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी होगी इसकी जबावदही इस्लामिक आतंकवाद की ही होगी । पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा की जाने वाली कड़ी कार्यवाही जारी है । इसके चलते ही भारत विरोधी अंजडा लाने वाले पाकिसतान के न्यज और यूटूब चैनलों को बंद कर दिया गया है । अब ये चैनल भारत में दिखाई और सुनाई नहीं देगें । जाहिर है कि पाकिस्तान के और समर्थित ये चैनल भारत में लम्बे समय से भारत विरोधी अजंडा चला रहे थे । वैसे तो भारत के विभिन्न न्यूज चैनलों में पाकिस्तान के नेताओं और एंकरों को बिठाकर बहस करने की परंपरा को भी खत्म की जानी चाहिए । सच यह है कि इन न्यूज चैनलों में मेहमान अतिथि बनाकर बैठाये जाने वालों के साथ भारत के एंकर अपना कड़ा विरोध दर्ज करा देते हैं परंतु इसके बावजूद भी वे मेहमान जिस तरह से अपना पक्ष रखते हैं उसे भी भारत विरोधी अजंडा माना जाना चाहिए । भारत तो लम्बे समय से यह कहता ही रहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करता है और आतंकवादियों को प्रशिक्षण देकर भारत भेजता है ताकि वो भारत की भूमि पर आतंक फैला सकें । अब तो पाकिस्तान ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वह लम्बे समय से आतंकवादियों को पनाह दे रहा है और उन्हें भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए प्रशिक्षत भी कर रहा है । पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने टीवी चैनल स्काई न्यूज पर पहलगाम हमले को लेकर हुई बहस के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि पाकिस्तान कई दशको से भारत में आतंकवाद फैलाने में सम्मलित रहा है । इसके साथ ही साथ वह अमंरिका और बिट्रेन में भी आतंकवद को फैलाने में सहयोग करता रहा है । पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण देने के साथ ही साथ उन्हें आर्थिक मदद भी करता है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के कबूलनामे ने भारत की बातों को प्रमिणत ही किया है । पहलगाम और इसके पहले भी जितने आतंकवादी हमले हुए हैं उन सभी में पाकिस्तान का हाथ रहा है जिसके सबूत भारत विश्व पटल पर रखता भी रहा है । ऐसा भी नहीं है कि विश्व के देश इस बात को न समझते हों । विश्व समुदाय जिसमें अमेरिका और रूस जैसे देश भी शामिल है उन्होने कई बार माना भी है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को समर्थन देता है और उन्हें सुरक्षित स्थान भी उपलब्ध कराता है । यहीं कारण है कि पहगाम की घटना के बाद विश्व के अनेक देशों ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने का आश्वासन दिया है, इसमें चीन को छोड़ दिया जाए । चीन ने पाकिस्तान को ही समर्थन दिया है यह उसकी राजनीतिक मजबूरी है या चालाकी यह तो समय के साथ समझ में आएगी पर अफगानिस्तान सहित अन्य देश भारत के साथ खड़े हैं, अफगानिस्तान से पाकिस्तान के संबंध वैसे भी खराब हो चुके हैं । पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने बिटेन और अमेरिका में आतंकवाद फैलाना भी कबूल किया है तब तो इन देशों को भी पाकिस्तान का बहिष्कार करने की रणनीति बनानी चाहिए वैसे आज पाकिस्तान अलग-थलग पड़ चुका है । पाकिस्तान के न्यूज चैनल या यूटयूब चैनल भी आतंकवाद के समर्थन में न्यूज चलाते रहे हैं । वे हर बार भारत को ही कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करते रहे हैं । इस कारण से भी यह आवश्यक हो गया था कि भारत अपने ही खिलाफ चलाए जा रहे पाक मीडिया के अजंडे को भी रोके । भारत की इस कार्यवाही से निश्चित भी पाक मीडिया को सबक मिलेगा । वैसे तो अभी भारत के द्वारा उठाए जाने वाले कड़े कदमों का क्रम समाप्त नहीं हुआ है । अभी तो और भी कड़े कदम उठाए जाने हैं । भारत द्वारा उठाए जाने वाला हर एक कड़ा कदम पाकिस्तान को बेसहारा करता जाएगा यह तय है ।