Latest Updates

पुस्तक परिचय : संगम शब्दों का

लेखिका की कलम  से

संगम शब्दों का – यह एक यथार्थ अभिव्यक्ति  है।  जिसमें, काल्पनिकता का समावेश ना होकर यथार्थ के चित्रण को  अभिव्यक्त किया गया है। संपूर्ण पुस्तक में उन सभी पहलुओं व मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है जो कि,हमारे आसपास में घटित होते हैं । चाहे वह आर्थिक हो ,धार्मिक हो, सामाजिक हो, राजनैतिक हो। जैसा की सर्वप्रथम पुस्तक में यथार्थ की बात की गई है क्योंकि, लेखिका का मुख्य उद्देश्य इस पुस्तक को लिखने का यह रहा है कि, वह इस पुस्तक के माध्यम से सभी वर्ग के लोगों को जागरुक करना चाहती हैं चाहे वह किसी भी क्षेत्र के  क्यों  न हो।

पुस्तक में गद्य  एवं काव्य दोनों विधाओं का समावेश है । कहीं-कहीं ब्रज भाषा की भी झलक देखने को मिली है जो की बहुत ही सरल भाव से लिखी गई है। और अधिकतर पहलुओं में लेखिका की भावात्मक  अभिव्यक्ति काफी संघर्षपूर्ण रही है । अधिकतर रचनाओं में वास्तविकता, मार्मिकता ,सहजता , उत्साह एवं  प्रेम को बड़े ही मनोरम ढंग से प्रस्तुत किया गया है । संगम शब्दों की पुस्तक का मुख्य केंद्र बिंदु वीर रस और श्रंगार व  भक्ति रस रहा है।

जिसमें वीर शहीदों की शहादत का बड़े ही भावात्मक और संवेदनशील मार्मिक ढंग से वर्णन किया गया है। वही श्रृंगार और भक्ति रस की रचनाओं से पुस्तक में चार चाँद लग रहे हैं। पुस्तक का अति आकर्षक पहलू कोरोना काल रहा है ।

कोरोना जैसी घातक वैश्विक बीमारी के समय को बहुत ही संवेदनशील भाव से प्रस्तुत किया है । और पुस्तक में कुछ रचनाएँ हैं जो कि पाठकों को बहुत ही अधिक प्रभावित करेगी।जिसमें सबसे पहले है-मातृभूमि !भारत  के रखवाले, कारवां -ए-हिन्दुस्तान,भारत माँ की वेदना अभिनंदन,इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी, बापू गांधी की गाथा अनमोल, बेटियां अनमोल रतन, माँ  की महिमा, पुरुषोत्तम राम, गीतों में तुझको गया है,माँ धरती है तो पिता है आसमाँ,कोरोना, अनमोल रिश्ते, संस्मरण आपबीती, मनोदशा, आत्म चिंतन, दस्ताने जिंदगी, हकीकत, राजनैतक  परिवेश, होली का गीत,कान्हा बरसाने में आय जाईयो, मनभावन सावन,आत्म सम्मान बीआर अंबेडकरआदि रचनाएँ  पुस्तक में अत्यधिक  आकर्षण का केंद्र रही हैं  जो कि, पाठकों के  सहज हृदय तक पहुंचने का कार्य करेंगी  एवं उन्हें प्रोत्साहित भी करेंगी। पुस्तक  की लेखिका का व्यक्तित्व अधिक भावात्मक एवं सकारात्मकता को अभिव्यक्त कर रहा है। व अपने जीवन काल के संघर्ष को इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों के समक्ष रखा है। और अपने विचारों एवं   बौद्धिक ज्ञान से सभी को अत्यधिक प्रभावित किया है यह पुस्तक उन लोगों के लिए एक खास प्रेरणा का स्रोत है जो कि किसी कारण वस अपने जीवन संघर्ष से हताश हो जाते हैं, और अवसाद में चले जाते हैं। काफी हद तक यह पुस्तक समस्त समाज के वर्गों के लिए अपने जीवन काल में सफलता में सहायक सिद्ध होगी और खासकर युवा वर्ग को अधिक प्रभावित करेगी।

 लेखिका की कलम से–

– अनीता  गौतम

 आगरा उत्तर प्रदेश

( प्रवक्ता एवं साहित्यकार)

https://anuradhaprakashan.com/product/sangam-shabdo-ka-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%ae-%e0%a4%b6%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a4%be/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *