साफ-साफ दो टूक शब्द में
कहना सबके मन भाया
आज हमारे मोदी जी ने
सब बापों को समझाया
टेरर टॉक अब नहीं चलेगा
नहीं चलेगा टॉक और ट्रेड
केवल बात pok पर होगी
किया फैसला सबसे ग्रेट
नहीं बहेगा साथ साथ अब
खून और पानी सब सुन ले
मौत, जिंदगी उन पर छोड़ी
जो चुनना हो वह चुन ले
और रवैया जैसा होगा
वैसा ही उत्तर देंगे
और कल्पना परे समझ लो
बत्तर से बत्तर देगे
बड़े दिनों के बाद सुनी है
लाल बहादुर सी बोली
कान खोल कर सुन ले दुनिया
खत्म करो निश्चर टोली
सि़ह भारती का तत्पर है
सबको कच्चा खाने को
अब्बू समझ चुके तो पहुंचे
चरणों में मिमयाने को
और सीज फायर की भिक्षा
मिलते जां मैं जां आई
आठ बजे भूखे नंगो ने
वही गलतियां दोहराई
चीर फाड़ कि जब शेरों ने
आतंकियों के अड्डों में
ड्रोन ,रडार बदल गए सारे
कब्रिस्तानी गड्डो में
पाकिस्तान सेना की तो
सीमा की तैयारी थी
मगर भारती सेना ने
सीने पर गोली मारी थी
मांग उजाडी़ थी जिनने
उजड़ गये वो अब्बू खां
ये सिंदूर मिसन ले निकला
75 बर्षी एक तूफां
जांये बलिहारी सेना पर
माता, बहने ,बेटी हम
दे आशीषे भर भर आंचल
सारे पुण्य करें अर्पण
आयुष्मान रहे हर सैनिक
कर दुश्मन को चकनाचूर
जो सिंदूर बचाते सबका
स्वस्थ रहें जीवें भरपूर
सबके सिंदूरों की खातिर
निज सिंदूर लुटाती है
भारत मां की पुत्रवधू तो
केवल वही कहाती है
इतना बड़ा त्याग करने पर
धैर्य भारती क्यों धारे
चुनचुनकर और भगभगाकर
क्यों आतंकी ना मारे
— श्री मति वंदना अशोक भार्गव