सबने तुझको ठुकराई है ।
जब तू पास मेरे आई है ।।
आजा तुझको गले लगा कर।
पीड़ा आज पुरस्कृत कर दू।।
साथी पाने की चाहत में ।
घूम रही क्यों सबके पीछे।।
तुझसे भाग रहा जग सारा ।
आ तुझमें आकर्षण भर दूं।।
अरी तिरस्कत ओ दुखियारी ।
आजा मेरी राज दुलारी ।।
तेरी व्याकुलता को हर कर ।
तुझमें प्रेम सुधा रस भर दूं ।।
आजा मेरी प्राण प्यारी ।
घूम रही क्यों मारी मारी ।।
तेरे मन का तिमिर मिटा कर ।
तुझमें आज दिवाकर भर दूं ।।