नई दिल्ली। आज देश करोना महामारी से जूझ रहा है। इससे निपटने के लिए सबसे पहले लाँक डाउन का सहारा लिया गया। लोग अचानक घरों में कैद हो गये। ऐसे में साहित्यकारों के सकारात्मक सोंच को बढ़ावा देने और रचनात्मक लेखनी को देश दुनिया में पहुँचाने के उदेश्य से 18 मई 2020 को साहित्य टी.वी. की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत 1 जून 2020 को इंदौर के ऊषा गुप्ता की शुभकामनाओं ‘सबका हित साहित्य में’ से शुरु हुई औऱ आज देश के कोने-कोने से 100 से ज्यादा साहित्यकारों को मंच प्रदान की गई और आज 500 वाँ विडियो असम की लेखिका शमां जैन सिगल की प्रसारित की गई।
आज इसकी पहली वर्षगांठ पर देश को कोने-कोने से साहित्यकार बधाई दे रहे हैं। उनमें मुजफपरनगर से डा. कीर्तिवर्धन, कानपुर से ड़ा कमलेश शुक्ला कीर्ति, गोरखपुर से राजकुमार सिंह,प्रतापगढ़ से सुरेन्द्र कुमार शुक्ल,इंदौर से ऊषा गुप्ता, गाजियाबाद से संतोष भोजपुरिया, मुम्बई से विनय महाजन, नोयड़ा से अनिल कुमार, राजकुमार अग्रवाल,दिल्ली से नीरज पांडे, सोनू गुप्ता, मनोज सिंह, प्रदीप भट्ट, जय प्रकाश गौतम,सुरेश मिश्र अपराधी,सुभाष प्रसाद,जगदीश चंद्र शर्मा आदी शामिल है। इसके संपादक लाल बिहारी लाल का कहना है कि इस डिजीटल दौड़ में देश के साथ-साथ विदेश के साहित्यकारों को भी मंच सुलभ कराया जायेगा , अभी तक हिंदी भोजपुरी,गढवाली,कुमाउनी,संस्कृत आदी भाषाओं को शामिल किया गया है और आगे अन्य भाषाओं को भी विस्तार दिया जायेगा। इस मंच पर साहित्य के हर विद्धा का प्रसारण किया जाता है चाहे कविता,कहानी,गीत ,गजल, साहित्यिक खबरे, प्ररक प्रसंग ,हास्य ब्यंग्य आदि शामिल है। साहित्य टी.वी. यूं ही साहित्य के पटल पर अपना परचम देश दुनिया में लहराता रहे।