Latest Updates

गीत : सावन में,पीहर याद आए,गीत

सावन में,पीहर याद आए,

बाबुल का, अंगना वो बुलाए।

बीता बचपन, जिन

चौवारों में,

यादों का बादल, नैन भिगाए।

भाई बहन संग,  खेल खेले,

लड़ने मिलने  में, दिन बिताए।

वो बारिश में,  भीगना छत पे,

कागज़ की नौका, मिलके बहाए।

 बाते अब वो, जाने कहा है,

 मिलने के दिन, रैना न आए।

छूटा पीहर, बंधी पिया के,

घर के अपने, अब सब  पराए।

स्वरचित

झरना माथुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *