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जयहिंदी,जयहिंद’ के जयकारा को हम

डॉक्टर सुधीर सिंह

जयहिंदी, जयहिंद के जयकारा को हम,

मिलकर हिंद  की  सरजमीन पर उतारें।

हिंदी थिरकेगी जनजीवन के अधरों पर,

प्रत्येक भारतीय इसके लिए प्रयास करें।

समाज और समुदाय के बीच राष्ट्रभाषा,

मधुर रिश्तों की दृढ़-बुनियाद रखती है।

एकजुटता,भाईचारा और राष्ट्रीयता का;

अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करती है।

व्यक्ति,समाज और राष्ट्र का प्रगति-पथ;

समृद्ध राष्ट्रभाषा सदा  प्रशस्त करती है।

सनातनी संस्कार,सभ्यताऔर संस्कृति;

जीवंत राष्ट्रभाषा  ही अक्षुण्ण रखती है।

हरेक हिंदुस्तानी  का  पुनीत  कर्तव्य है,

व्यापक रूप से  हिंदी का व्यवहार करें।

हिंदी-दिवस के  पावन शुभ अवसर पर,

उसके संवर्धन व संरक्षण की शपथ लें।

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