Latest Updates

पिता

हो मजदूर

हो फेरीवाला

हो रिक्शेवाला

हो ठेलेवाला

हो कारीगर

हो दुकानदार

हो ऑफिस कर्मी

हो नेता

हो अभिनेता

हो टाटा, बिरला,अम्बानी

हो गरीब या मध्यम या अमीर या करोड़पति

पिता तो पिता ही होता है

सिर्फ बच्चों की मुस्कान के लिये हर मौसम की मार- हो चिलचिलाती धूप, लू, तेज़ बरसात, आंधी, तूफान या ठिठुरती सर्दी या उतार चढ़ाव, दुःख तकलीफ सब झेल जाता है हँस कर बिना किसी

शिकवा शिकायत

कभी सिगरेट के धुँए में उड़ा देता है छल्ले बनाकर परेशानी, बेबसी,

लाचारी हो कोई जब

या दो घूँट में पी जाता है सब

पर हल हाल में न कोई कमी, न कोई दुख , चिन्ता, तकलीफ की आंच तक पड़ने देता अपने बच्चों पर

हो उम्र का पड़ाव कोई भी

न रुके, न थके

हो आज़माईश कितनी भी

रिश्तों की , ज़िन्दगी की

वट वृक्ष सा देता रहे

संरक्षण  उम्र भर बन साया घना

बिन कुछ चाहे, बिन कुछ माँगे

कितना मजबूत होता है पिता

जो चट्टान सा बस डटा रहता है उम्र भर अपने बच्चों के हर सुख के लिये

हो वो फिर कोई भी किसी भी वर्ग से

पिता बस एक पिता ही होता है

न छोटा न बड़ा, न गरीब न अमीर।।

…..मीनाक्षी सुकुमारन

      नोएडा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *