Latest Updates

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (गीत) मातृभाषा हिंदी भाषा है

हिमालय के भाल पर सूरज सी जो दमके,
वही मेरी राष्ट्रभाषा हिंदी भाषा है।

सूर तुलसी ने सजाई काव्य गहनों से,
है बहुत सुंदर ये अपनी और बहनों से,
अजंता की मूर्ति सा जिसको तराशा है,
वही मेरी मातृभाषा हिंदी भाषा है।

गीत सा श्रृंगार और संगीत सा स्वर है,
भाव मन के जहां बसते हिंदी वह घर है,
हिंद के होठों पर है जो हृदय की भाषा,
वही मेरी सृजन भाषा हिंदी भाषा है।

शब्द से जो सृष्टि का अभिषेक कर जाए,
जन्म से जो मृत्यु तक संदेश पहुंचाए,
प्रेम का गुंजन करें हर हृदय को जोड़े,
वही मेरी मृदुल भाषा हिंदी भाषा है।

विश्व भर में आज हिंदी जगमगाती है,
मातृभाषा मेरी सारे जग को भाती है।
गुनगुनाते धरती अंबर झूम कर जिसको,
वही मेरी श्रेष्ठ भाषा हिंदी भाषा है।

हिमालय के भाल पर सूरज सी जो दमके,
वही मेरी मातृभाषा हिंदी भाषा है।

गीतकार -अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर मो.९८२७३०४०३०

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *