दिल्ली। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गांधीनगर, ईशीपुर, जिला भागलपुर (बिहार) द्वारा साहित्यकार सविता चडढा को इनकी सुधीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना,कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्यों तथा राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ की अनुशंसा पर विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान दिया गया है। यह सम्मान हिंदी भवन में आयोजित सम्मान समारोह में आचार्य सुधांशु महाराज और अनिल जोशी, डॉ ओम प्रकाश प्रजापति जी द्वारा दिया गया। उल्लेखनीय है डॉ. सविता चड्ढा 1984 से साहित्य सृजन के क्षेत्र में निरंतर लेखन कार्य कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान कायम की हैं। आपको गत माह राही रैकिंग के सर्वे में इस वर्ष के 100 बड़े रचनाकारों की सूची में शामिल किया गया है।
बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुप्रसिद्ध कहानीकार डॉ. सविता चड्ढा की विभिन्न विधाओं पर 47 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। आपकी पत्रकारिता विषयक चार पुस्तके दिल्ली,मेरठ ,पंजाब,व अंबेडकर विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती है।
आपके लेखन,कहानियों पर टेली फ़िल्म बन चुकी है और शोध कार्य चल रहे है।डॉ. सविता चढ्ढा को राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य सृजन एवं राष्ट्र भाषा हिंदी के संवर्धन व विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए हरियाणा के नाम को गौरव प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने “साहित्य गौरव सम्मान” सम्मान स्वरूप 2 लाख रुपये की राशि, शॉल, प्रतीक चिन्ह से संम्मानित किया था। आपको पूर्व में भी साहित्य,लेखन, व सामाजिक सरोकारों के लिए अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मान व। हैं जिसके लिए आपको समय समय पर अनेक सम्मान मिले हैं।