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हिंदी वर्ण प्रकृति के संग

अमलतास खिला सुवर्ण सा

आम बौर भर आये

इमली की खटास

ईख मिठास मन लुभाये

उड़े परिंदे लहरा पंख

ऊँचाई नील गगन छू आये

ऋतु वसंत जीवन में उर्जा भर लाये |

एकाग्रता से विद्याध्ययन

एश्वर्यता राष्ट्र समृद्ध बनाये

ओजस्वी मन सुसंस्कृति

और सुज्ञान बढ़ाये

अंशुमान क्षितिज पर

अ: अवनि जगमगाये |

कुमुदनी कनेर कंद

खलियान खेत हरियाये

गेंदा गुलमेहंदी गुड़हल

घर आँगन मुसकाये

ङ कंठस्थ सुर को सजाये |

चम्पा मोगरा चमेली

छुई मुई जूही खिल आये

जलज ताल तलैया

झीलों में पुलकाये

ञ तालव्य च छ ज झ समझायें |

टहनिया सुन्दर सी

ठुमकती कोयल गाये

डालों पर फल सारे

ढेर भर भर आये

ण रामयण में भक्ति भ्रमण कराये |

तितलियाँ रंग बिरंगी

थिरकती उड़ जायें

दमयंती गुलबहार मालती

धान सरसों लहराये

नदियों में बत्तख हंस मन भाये |

पंखुरी गुलाब की

फूल गुलकंद महकाये

बगियन खग कलोल करें

भवरें गुनगुनायें

मंजरी मोहक मधुप रस पायें |

यामिनी में पारिजात

रात की रानी गमकाये

लावण्यता इंदु पूनम की

विभामायी वसुधा हर्षाये

शरद की शीतलता तुषार भर लाये |

षटकोण अल्पना द्वार बनायें

सुमन सर्व सुवासित

हरित दूर्वा से सजायें |

क्षीर नीर भरी धरा

त्रिपथगा तट ध्यान लगायें

ज्ञान अध्यात्म से जीवन पावन बनायें |

सीमा धूपर

जबलपुर

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